यमुना नदी

यमुना नदी – संपूर्ण जानकारी | Yamuna Nadi in Hindi

यमुना नदी कहाँ से निकलती है?

यमुना नदी के उद्गम स्थल की बात करें, तो यह यमुनोत्री हिमनद से निकलती है। इसका उद्गम स्थल हिमालय पर्वतमाला की बंदरपुच्छ श्रेणी में है। देवभूमि या फूलों की घाटी कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य में यमुना नदी का उद्गम स्थल है।

यमुना नदी की लंबाई कितनी है?

Yamuna Nadi भारत की एक प्रमुख नदी है तथा इसकी लंबाई भी काफ़ी ज्यादा है। Yamuna Nadi की लंबाई की बात करे, तो यह लगभग 1, 376 किलोमीटर लंबी है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।

यमुना नदी अपवाह तंत्र (Yamuna Nadi Apwah Tantra)

यमुना नदी के अपवाह तंत्र की बात करें, तो  अपने उद्गम स्थान से निकलकर Yamuna Nadi दक्षिण पश्चिम की ओर बहती है। कुछ ही दूरी पर हनुमान गंगा तथा ऋषिगंगा आदि सहायक नदियाँ इसमें आकर मिल जाती हैं।

कालसी नामक स्थान पर इसकी एक विशेष सहायक नदी, टोंस नदी इससे मिल जाती है। उत्तराखंड राज्य में करीब 136 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए Yamuna Nadi देहरादून के रामपुर मंडी स्थान से राज्य से बाहर निकल जाती है।

आगे बढ़ते हुए Yamuna Nadi पूर्व की ओर बहने लगती है तथा हरियाणा व हिमाचल प्रदेश राज्य के बीच सीमा रेखा बनाती हुई, दिल्ली से होते हुए उत्तरप्रदेश राज्य में प्रवेश कर जाती है।

फिरोजाबाद, दिल्ली, आगरा, मथुरा व कौशांबी जैसे प्रमुख शहरों से होती हुई, Yamuna Nadi आगे बढ़ती है। इटावा में चंबल तथा आगे चलकर बेतवा जैसी सहायक नदियाँ इसमें आकर मिल जाती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के प्रयागराज नामक जगह पर Yamuna Nadi गंगा नदी में मिल जाती है। यह संगम स्थल एक धार्मिक स्थल है, जहाँ कुंभ का मेला लगता है।

यमुना नदी के अन्य नाम

Yamuna एक प्राचीन नदी है, जिसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। Yamuna Nadi को काली गंगा, असित, कालिंदी यमी नाम से भी जाना जाता है।

यमुना नदी की आत्मकथा (Yamuna Nadi ki Atmakatha)

हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार यमुना सूर्य देव की पुत्री है तथा मृत्यु के देवता यमराज की बहन है।  सूर्य देव की पत्नी संज्ञा देवी सूर्य देव का तेज सहन नहीं कर पा रही थी, इसलिए वह अपने छाया रूप को बच्चों की देखभाल के लिए छोड़ कर पर्वतों पर तपस्या करने चली गयीं थी। छाया का ‘यम’ और ‘यमुना‘ के साथ अच्छा व्यवहार न होने के कारण ‘यम’ ने अपनी नयी नगरी बसायी तथा यमुना गो लोक में चली गयी।

यमुना नदी का ब्रज संस्कृति में विशेष महत्व है, जहाँ Yamuna Nadi को जननी के रूप में संबोधित किया जाता है। यमुना के किनारे ही श्री कृष्ण ने कई बाल-लीलाएँ की थी।

धरती लोक पर यमुना को हिमालय की पुत्री कहा जाता है। इसके साँवले रंग के कारण इसे कालिंदी की भी संज्ञा दी जाती है।

यमुना नदी की सहायक नदियाँ

यमुना नदी की सहायक नदियाँ निम्नलिखित है:-

चंबल नदी

चंबल नदी, यमुना नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। मध्यप्रदेश राज्य में विंध्याचल पर्वतमाला की जानापाव पहाड़ी से चंबल नदी निकलती है। यह मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान व उत्तर प्रदेश राज्यों में भी बहती है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी नदी है। इस नदी का 1024  किलोमीटर की दूरी तय करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा जिले में Yamuna Nadi के साथ संगम हो जाता है।

सेंगर नदी

Yamuna Nadi की सहायक नदियों में से एक सेंगर नदी भी है। सेंगर नदी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की एक झील से निकलती है। यह नदी मैनपुरी, इटावा व कानपुर देहात से होकर बहती है। इसकी लम्बाई 304 किलोमीटर है। यह कानपुर जिले में चपरघाट के पास Yamuna Nadi में मिल जाती है।

बेतवा नदी

बेतवा नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश राज्य के कुम्हारागाँव में है। यह यमुना नदी की एक सहायक नदी है। यह 480 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए हमीरपुर के निकट Yamuna Nadi में जाकर मिल जाती है।

केन नदी

केन नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश में विंध्याचल पर्वतमाला की कैमूर श्रृंखला में है। यह नदी भी यमुना की एक सहायक नदी है। इसकी लंबाई करीब 427 किलोमीटर है। यह उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा में Yamuna Nadi में मिल जाती है।

हिंडन नदी

शिवालिक पर्वतमाला की शाकंभरी देवी श्रेणी में हिंडन नदी का उद्गम स्थल है। यह यमुना की एक उपनदी है। यह नदी दिल्ली से थोड़ी दूरी पर Yamuna Nadi में मिल जाती है। यह नदी तकरीबन 400 किलोमीटर लंबी है।

यमुना नदी पर बांध (Yamuna Nadi par Bandh)

लखवार बांध

लखवार बांध को लखवार-व्यासी बांध परियोजना के रूप में भी जाना जाता है। यह एक निर्माणाधीन परियोजना है। यह अति-महत्वपूर्ण परियोजना उत्तराखंड के देहरादून जिले में है। इस परियोजना के तहत हरियाणा, दिल्ली , उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश व राजस्थान के लिए जल वितरण प्रस्तावित है।

योजना आयोग (नीति आयोग) द्वारा इस परियोजना 1976 में स्वीकृति दी गई थी। कुछ आर्थिक व अन्य कारणों की वजह 1992 में इसके निर्माण कार्य को रोक दिया गया था। उस समय इसका 35 प्रतिशत निर्माण हो चुका था।

ओखला बैराज

ओखला बैराज यमुना नदी पर बना हुआ एक प्राचीन बांध है।  इसका निर्माण औपनिवेशिक शासन काल में ब्रिटिशों द्वारा 1874 में कराया गया था। इसके अंतर्गत आस-पास के क्षेत्रों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने के लिए नहर भी विकसित की गयी है। वर्तमान में यह पक्षी अभ्यारण के तौर पर भी कार्य करता है।

हथिनीकुंड बैराज

हथिनीकुंड बैराज हरियाणा राज्य के यमुनानगर में स्थित एक कंक्रीट का बना हुआ बैराज है, जो कि Yamuna Nadi पर बना हुआ है। इसका निर्माण 1996 में प्रारंभ हुआ था तथा 1999 में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया था। यह बैराज तकरीबन 360 मीटर लंबा है। इस बैराज का निर्माण ताजेवाला बैराज के स्थान पर किया गया था।

यमुना प्रदूषण

धार्मिक व सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण यमुना नदी वर्तमान समय में बहुत प्रदूषित हो चुकी है। इसका प्रदूषण स्तर इतना ज्यादा बढ़ चुका है, कि इसका जल विषैला हो गया है।

यमुना प्रदूषण के कई मुख्य कारण है, जिनमें से एक नालों द्वारा छोड़ा  जाने वाला प्रदूषित जल भी है। यह एक विकट समस्या है, जिसके निपटारे के लिए आवश्यक है, कि सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ)

यमुना नदी किन-किन राज्यों से होकर गुजरती है?

उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली

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