Shaka Shyam Mandir, Narsinghgarh मध्य प्रदेश राज्य के राजगढ़ जिले के साका नामक गांव में स्थित है। श्याम जी साका मंदिर पार्वती नदी के पास स्थित है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण जो भगवान विष्णु का प्रतिरूप है उनकी पूजा की जाती है। यहाँ माघ के महीने मे हर साल एक मेला आयोजित किया जाता है। श्याम साका मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कार्य 16 वीं से 17 वीं शताब्दी के मध्य में राजा संग्राम सिंह (श्याम सिंह) की स्मृति मे पत्नी भाग्यवती द्वारा किया गया था। यह मंदिर नरसिंहगढ़ किले से करीब है।

श्यामजी साका Narsinghgarh Mandir का स्थापत्य कला
यहाँ राजा हाजी वली की एक मुगल सैनिक के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी । श्यामजी साका मंदिर मध्य प्रदेश राज्य सरकार के द्वारा संरक्षित है। इस मंदिर के गर्भ गृह एवं दीवारों पर राजस्थानी शैली और मालवा शैली के प्रभाव को देखा जा सकता है। श्याम जी साका मंदिर के दीवारों पर सुंदर सुंदर चित्र अंकित किये हुए है और मंदिर मे बेहतरीन नक्काशीदार ईंटो और पत्थरों को मंदिर के निर्माण करने के लिए प्रयुक्त किया गया है। ब्रिटिश सम्राज्य में लगभग 123 कि.ग्रा. सोना इस मंदिर से लूट लिया गया। सन्1987 में बोगरियथ और उनके सहयोगियो द्वारा श्याम जी साका मंदिर का फिर से पुनरूत्थान कार्य किया गया।
श्यामजी साका Narsinghgarh Mandir: एकता का प्रतीक
Shaka Shyam Mandir Narsinghgarh मे एक गलियारा है जिसमें 6 व्यक्तियों को अंकित किया गया है। इन सभी ने लंबे वस्त्र और पारंपरिक पगड़ी बांध रखी है। ये सभी चित्रों को नमाज पढ़ने की आकृति में बनाया गया है। संभवतः हिंदूओ के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय भी इस मन्दिर मे नमाज अदा करने आते रहे होंगे। यह मंदिर हिंदू -मुस्लिम एकता का प्रतीक प्रतीत होता है।
श्यामजी साका मंदिर की कहानी | Shaka Shyam Mandir Kahani
Shaka Shyam Mandir के बारे मे इतिहासकारो के अनुसार स्थानीय शासक श्याम देव कींची की पत्नी बघली देवी ने अपने पति के मृत्यु के याद में इस मंदिर का निर्माण 16 वीं शताब्दी में करवाया था और अमर सिंह गुर्जर इस मन्दिर मे पुजारी के रूप मे अभिषिक्त हुए।

श्याम जी गांव पर श्राप
एक अन्य कहानी के अनुसार यहाँ के स्थानीय लोगो का मानना है कि 16 वीं शताब्दी मेें जब देवताओं द्वारा साका श्यामजी गांव में एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। तो उसी रात में एक महिला ने गेहूं पीसने के लिए मशीन चला दी। जिससे देवताओं का ध्यान भंग हो गया और फिर देवताओं ने क्रोध मे आकर गांव की महिलाओं को श्राप दिया कि आज के बाद गांव में कोई भी महिला बच्चों को जन्म नहीं दे पाएंगी। उस दिन से लेकर आज तक गांव शापित है और आज भी महिलाएं गांव में बच्चों को जन्म नहीं दे पाती हैं।
श्याम जी साका मंदिर कैसे जाए | Shaka Shyam Mandir kese Phuche
वायु मार्ग
श्याम जी साका मंदिर का निकटस्थ हवाई अड्डा भोपाल का हवाई अड्डा है। जो मंदिर से लगभग 90 किमी दूरी पर है।
रेल मार्ग
श्याम जी साका मंदिर का निकटतम रेलवे-स्टेशन ब्यावर रेलवे-स्टेशन है। यहाँ से मंदिर लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
सड़क मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या NH 46 के द्वारा आसानी से सड़क के माध्यम से मंदिर जाया जा सकता है।
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