सतपुड़ा नेशनल पार्क

सतपुड़ा नेशनल पार्क , होशंगाबाद | Satpura National Park

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह उद्यान मध्यप्रदेश राज्य के होशंगाबाद जिले में स्थित है। यह करीब 524 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है तथा पंचमढ़ी व बोरा अभ्यारण के साथ मिलकर इसका संयुक्त रूप से क्षेत्रफल और भी ज्यादा हो जाता है।

यहाँ ऊँची-नीची पहाड़ियाँ , हरे-भरे घास के मैदान तथा दुर्लभ प्रजातियों के वन्यजीव है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में कई छोटे-बड़े झरने एवं जलधाराएँ है।

सतपुड़ा नेशनल पार्क की स्थापना

सतपुड़ा नेशनल पार्क के क्षेत्र को वर्ष 1862 में बंगाल लांसर्स के कैप्टन जेम्स फोर्सिथ के द्वारा खोजा गया था, जब वे क्रांतिकारी तांत्या टोपे की तलाश कर रहे थे। इस क्षेत्र की व्यावसायिक व पारिस्थितिकी विशेषताओं को देखते हुए, इसे सरंक्षण प्रदान करने की योजनाएँ बनाई गईं।

वर्ष 1981 में इस क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान का रूप दिया गया, ताकि इसके अंतर्गत आने वाली जैव विविधता व प्राकृतिक सौन्दर्य को सुरक्षित रखा जा सके। सतपुड़ा नेशनल पार्क को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में शामिल किया गया है।

सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व (Satpura Tiger Reserve)

सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व को वर्ष 2000 में स्थापित किया गया था, ताकि बाघों की लुप्त होती संख्या को रोका जा सके। सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत तीन संरक्षित क्षेत्र आते है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
  • बोरी अभ्यारण
  • पंचमढ़ी अभ्यारण

Satpura Tiger Reserve करीब 2130 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्ष 2021 में 28 जुलाई को सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व को सबसे अच्छे प्रबंधन के लिए अर्थ गार्जियन की श्रेणी के अंतर्गत ‘अर्थ नेटवेस्ट ग्रुप अर्थ हीरोज’ का पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के पास से नर्मदा नदी बहती है।

सतपुड़ा क्यों प्रसिद्ध है?

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान अपनी प्राकृतिक उपस्थिति एवं वहाँ पाए जाने वाले वन्यजीवों व वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है। इस राष्ट्रीय उद्यान में बड़ी भारतीय गिलहरी पाई जाती है, जो कि बहुत दुर्लभ है।

यहाँ वनस्पतियों की कुछ ऐसी प्रजातियाँ भी पाई जाती है, जो केवल यहीं पर मिलती है।

सतपुड़ा नेशनल पार्क के वन्यजीव

सतपुड़ा नेशनल पार्क में जैव विविधता है। यहाँ स्तनधारियों की करीब 50 प्रजातियाँ, सरिसृपों की लगभग 30 प्रजातियाँ, तितलियों की 50 प्रजातियाँ तथा पक्षियों की करीब 254 प्रजातियाँ पाई जाती है।

यहाँ मौजूद पक्षियों की कुछ प्रजातियाँ इस प्रकार है:- मालाबार व्हिसलिंग थ्रश, पैराडाइज फ्लाई-क्लेचर, हनी बज़र्ड, मालाबार पाइड होर्नबिल आदि।

यहाँ मौजूद तितलियों की कुछ प्रजातियाँ इस प्रकार है:- ब्लैक राजा, ओकलीफ़, ब्लू पैन्सी, ग्रेट एगफ्लाई आदि।

पक्षियों और तितलियों के अलावा यहाँ पाए जाने वाले कुछ अन्य जीव इस प्रकार है:- चित्तीदार हिरण, तेंदुए, बाघ, गौर, जंगली सूअर, काला हिरण, सुस्त भालू, सांभर, चार सींग वाले हिरण, पैंगोलिन, मगरमच्छ तथा भारतीय बड़ी गिलहरी आदि।

सतपुड़ा नेशनल पार्क में वनस्पति

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक सुन्दरता का केंद्र है। यहाँ विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती है। यहाँ पेड़ों, झाड़ियों, फूलों और यहाँ तक कि घास की कई प्रजातियाँ पाई जाती है।

साल, तेंदू, महुआ, सागौन, बेल, बाँस, औषधीय पौधे तथा घास यहाँ पाई जाने वाली कुछ वनस्पतियाँ है।

सतपुड़ा नेशनल पार्क की सफ़ारी

सतपुड़ा नेशनल पार्क में पर्यटकों को जीप सफारी करने का भी अवसर मिलता है। जीप सफारी के दौरान पर्यटक विभिन्न जानवरों को करीबी से देख सकते है तथा फोटोग्राफी कर सकते है। यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है, कि जीप सफारी के दौरान पर्यटकों को जीप से उतरने की अनुमति नहीं होती है।

जीप सफारी के अलावा यहाँ एलीफेंट सफ़ारी का भी आनंद उठाने को मिलता है। हाथी की सवारी का अपना अलग ही आनंद होता है तथा जीप सफ़ारी की तुलना में एलीफेंट सफ़ारी के दौरान प्रकृति के ज्यादा करीब पहुँचा जा सकता है।

सतपुड़ा नेशनल पार्क में सफारी के लिए निश्चित टाईमिंग है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • मॉर्निंग सफारी:-  सुबह 6:30 से 11:00
  • फुल डे  सफारी:- सुबह 6:30 से शाम 5:00
  • ईवनिंग सफारी:- दोपहर 3:30 से शाम 5:00

सफारी की बुकिंग करने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं है, बल्कि इसके लिए बुकिंग केंद्र पर जाना पड़ता है। सफारी के लिए भारतीयों व विदेशी पर्यटकों को अलग-अलग शुल्क देना पड़ता है।

सतपुड़ा नेशनल पार्क जाने का सबसे अच्छा समय

पर्यटकों के लिए सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान को अक्टूबर से जून महीने तक के लिए खोला जाता है। यहाँ आने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल माह तक का माना जाता है। इस समय मौसम ठंडक भरा व सुहावना रहता है।

सतपुड़ा नेशनल पार्क कैसे पहुँचे?

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए रेलमार्ग, वायु मार्ग तथा सड़क मार्ग, तीनों ही उपलब्ध है।

वायु मार्ग

भोपाल का एयरपोर्ट सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का सबसे करीबी हवाई अड्डा है। यह उद्यान से करीब 190 किलोमीटर की दूरी पर है। देश के प्रमुख हवाई अड्डों से यहाँ के लिए फ्लाइट मिल जाती हैं। हवाई अड्डे से सतपुड़ा नेशनल पार्क पहुँचने के लिए ट्रेन या फिर बस-टैक्सी का प्रयोग किया जा सकता है। विकल्प के तौर पर जबलपुर के एयरपोर्ट पर भी पहुंचा जा सकता है, जो सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान से  265 किलोमीटर की दूरी पर है।

रेल मार्ग

सतपुड़ा नेशनल पार्क के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन, सोहागपुर तथा पिपरिया रेलवे स्टेशन है। ये दोनों रेलवे स्टेशन सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान से क्रमशः 20 किलोमीटर तथा 45 किलोमीटर की दूरी पर हैं। सोहागपुर रेलवे स्टेशन ज्यादा बड़ा रेलवे स्टेशन नहीं है, जिसके कारण यहाँ लंबे रूट की ट्रेनें नहीं रुकती है। सुविधा के हिसाब से पिपरिया रेलवे स्टेशन अच्छा है, क्योंकि यहाँ सुपरफास्ट ट्रेनें भी रुकती है। रेलवे स्टेशन से सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए टैक्सी या बस का प्रयोग किया जा सकता है।

सड़क मार्ग

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान अपने आस-पास क्षेत्रों, जैसे- जबलपुर, भोपाल व छिंदवाड़ा आदि के साथ सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।  देश के विभिन्न हिस्सों से होशंगाबाद पहुँचा जा सकता है। होशंगाबाद से सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है। निजी वाहन के द्वारा भी सतपुड़ा नेशनल पार्क पहुँचा जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ)

सतपुड़ा नेशनल पार्क किस राज्य में है?

मध्यप्रदेश।

सतपुड़ा नेशनल पार्क किस जिले में है?

होशंगाबाद।

सतपुड़ा नेशनल पार्क की स्थापना कब की गयी थी?

1981 में।

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