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साबरमती नदी

साबरमती नदी – सम्पूर्ण जानकारी | Sabarmati Nadi

Posted on December 27, 2022
Table of contents
  1. साबरमती नदी | Sabarmati Nadi
  2. साबरमती नदी का इतिहास | Sabarmati Nadi ka Itihas
  3. साबरमती नदी का अपवाह तंत्र | Sabarmati Nadi ka Apwah tantra
  4. साबरमती नदी की सहायक नदियाँ | Sabarmati Nadi ki Sahayak Nadiya
  5. साबरमती नदी किन–किन जिलों से होकर गुजरती है ?
  6. राजस्थान राज्य के जिले, जहाँ से साबरमती नदी गुजरती है
  7. गुजरात राज्य के जिले, जहाँ से साबरमती नदी गुजरती है
  8. साबरमती नदी के आस-पास घूमने की जगहे
  9. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

साबरमती नदी | Sabarmati Nadi

साबरमती नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है तथा गुजरात राज्य की मुख्य नदी है। इस नदी का उद्गम स्थान राजस्थान राज्य में है। राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले में अरावली की पर्वतमाला से साबरमती नदी का उद्गम होता है। उद्गम स्थान से राजस्थान और गुजरात राज्य से होते हुए दक्षिण–पश्चिम दिशा की ओर बहती है। करीब 371 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ये नदी अरब सागर में स्थित खंभात की खाड़ी में जाकर गिर जाती है। राजस्थान राज्य में ये नदी 48 किलोमीटर की दूरी तय करती है तथा गुजरात राज्य में 323 किलोमीटर की दूरी तय करती है। शुरुआत में ये नदी वाकल नदी के रूप में जानी जाती है। इस नदी के नामकरण के पीछे भी एक तथ्य ये है, कि ये नदी साबर व हथमती नामक दो नदी जलधाराओं के मिलने से बनी है, जिसकी वजह से इसका नाम साबरमती पड़ा। इस नदी के किनारे महत्वपूर्ण नगर बसे हुए हैं।

ये नदी आस-पास के इलाकों के लिए जल का मुख्य स्त्रोत है। इस नदी पर बाँध भी निर्मित है, जिनका प्रयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है।

साबरमती नदी का इतिहास | Sabarmati Nadi ka Itihas

साबरमती नदी के इतिहास की बात करें, तो इस नदी का पुराना नाम भोगवा है। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव देवी गंगा को गुजरात क्षेत्र में लेकर आये थे, जिसके परिणाम स्वरूप साबरमती नदी का उद्भव हुआ था। गुजरात राज्य की राजनीतिक और  वाणिज्यिक  राजधानियाँ, गांधीनगर और अहमदाबाद साबरमती नदी के किनारे पर ही बसाए गए थे।

एक अन्य कथा यह भी है, कि एक बार गुजरात सल्तनत के सुल्तान अहमद शाह ने साबरमती के तट पर आराम करते हुए  देखा , कि एक खरगोश एक कुत्ते का पीछा कर रहा था। उस खरगोश का ये साहस देखकर सुल्तान अहमद काफ़ी प्रेरित हुए। माना जाता है कि खरगोश के साहस से प्रेरित होकर ही वर्ष 1411 में उन्होंने इस जगह पर अहमदाबाद की स्थापना की थी।

वर्तमान समय इस नदी को लोग साबरमती आश्रम की उपस्थिति के कारण से भी जानते हैं। इस आश्रम की स्थापना महात्मा गाँधी जी के द्वारा की गई थी। इस आश्रम की स्थिति Sabarmati Nadi के किनारे  होने के कारण इस आश्रम का नाम भी इस नदी के नाम पर रखा गया।

साबरमती नदी का अपवाह तंत्र | Sabarmati Nadi ka Apwah tantra

साबरमती बेसिन की बात करें, तो इसकी अधिकतम लंबाई 300 किलोमीटर तथा अधिकतम चौड़ाई 105 किलोमीटर है। साबरमती बेसिन का सम्पूर्ण पकड़ क्षेत्र 21,674 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से 4,124 वर्ग किलोमीटर राजस्थान में स्थित है, और बाकी 18,550 वर्ग किलोमीटर गुजरात में है। 

Sabarmati Besin में  वार्षिक औसत जल की उपलब्धता 308 घन मीटर  प्रति कैपिटा है, जो राष्ट्रीय औसत 1,545 घन मीटर प्रति कैपिटा से बहुत कम है।

Sabarmati Nadi का बेसिन राजस्थान राज्य के मध्य-दक्षिणी हिस्से में स्थित है। इसके उत्तर में लूनी बेसिन , पश्चिम में पश्चिमी बनास बेसिन तथा इसके पूर्व में बनास और माही बेसिन हैं।  दक्षिण में इस बेसिन की सीमा गुजरात राज्य के साथ लगती है। साबरमती नदी बेसिन का फैलाव उदयपुर, सिरोही,  डूंगरपुर और पाली  जिलों के हिस्सों तक है। 

साबरमती नदी की सहायक नदियाँ | Sabarmati Nadi ki Sahayak Nadiya

साबरमती नदी की मुख्य सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं:-

  • सेई नदी:- इस नदी का उद्गम स्थान उदयपुर के पश्चिम में अरावली पर्वतमाला की श्रृंखला में है। ये नदी साबरमती नदी के समानांतर प्रवाहित होती है तथा गुजरात राज्य में साबरमती नदी में मिल जाती है।
  • वाकल नदी:– अरावली की दक्षिण-पश्चिम श्रेणी से ये नदी निकलती है। साबरमती नदी में मिलने से पूर्व ये नदी 158 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
  • वर्तक नदी:- ये नदी भी पंचारा की पहाड़ियों से निकलती है। इस नदी की लम्बाई 243 किलोमीटर है। शेही और मेसवा नदी खेड़ा में वर्तक नदी में मिल जाती हैं तथा बाद में वर्तक नदी वुतहा में साबरमती नदी में मिल जाती है। इस नदी पर साबरकान्ठा में वर्तक बाँध बना हुआ है।
  • हथमती नदी:-  अरावली पर्वत श्रेणी से में हथमती नदी का उद्गम स्थल है। इस नदी पर हथमती बांध बना हुआ है।
  • मेसवा नदी:-  अरावली पर्वत श्रेणी की पंचारा पहाड़ियों से ये नदी निकलती है। इसका उद्गम स्थल डूंगरपुर जिले में है। गुजरात राज्य में जाकर ये नदी साबरमती नदी में मिल जाती है। गुजरात राज्य में इस नदी पर मेसवो बांध भी निर्मित है।

कुछ अन्य सहायक नदियाँ इस प्रकार है:-

  • मझम नदी
  • खारी नदी
  • मोहर नदी

साबरमती नदी किन–किन जिलों से होकर गुजरती है ?

साबरमती नदी राजस्थान व गुजरात राज्य के विभिन्न जिलों से होकर गुजरती है, जो कि निम्नलिखित हैं :-

राजस्थान राज्य के जिले, जहाँ से साबरमती नदी गुजरती है

  • उदयपुर
  • सिरोही
  • पाली
  • डूंगरपुर

गुजरात राज्य के जिले, जहाँ से साबरमती नदी गुजरती है

  • आणंद
  • अहमदाबाद
  • गाँधीनगर
  • मेहसाना
  • साबरकान्ठा

साबरमती नदी के आस-पास घूमने की जगहे

  • साबरमती रिवरफ्रंट:-  साबरमती रिवरफ्रंट पार्क अहमदाबाद शहर में साबरमती नदी तट पर स्थित है। ये पार्क अहमदाबाद में आने वाले अधिकांश पर्यटकों की पहली पसंद है। इस पार्क में कई अन्य घूमने लायक जगहें है, जैसे:- लोटस पोन्ड, चिल्ड्रेन प्ले एरिया , माऊंट प्लाजा, बाजार स्ट्रीट व फ्लावर पार्क आदि।
  • सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय संग्रहालय  :- सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय संग्रहालय अहमदाबाद में ही रिवरफ्रंट पार्क से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है। ये एक देखने लायक म्यूज़ियम है, जहाँ सरदार वल्लभभाई पटेल की कलाकृतियों व उनसे जुड़ी चीजों को देखा जा सकता है।
  • हठी सिंह जैन मंदिर :- यह जैन मन्दिर साबरमती रिवरफ्रंट से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है। 1848 में निर्मित ये मन्दिर , जैन धर्म के 15वें तीर्थंकर धर्मनाथ को समर्पित है। इस मन्दिर की नक्काशी व वास्तुकला देखने लायक है। यहाँ कई जैन भक्त प्रार्थना करने के लिए आते हैं।
  • साबरमती आश्रम:- साबरमती आश्रम का नाम ही साबरमती नदी के किनारे होने से पड़ा है। इस आश्रम की स्थापना महात्मा गाँधी जी द्वारा की गई थी। यहां महात्मा गाँधी जी से जुड़े कई स्मृति चिह्न व वस्तुएं मौजूद हैं। पर्यटकों के लिए ये जगह एक शांतिपूर्ण वातावरण मौजूद कराती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

साबरमती नदी का दूसरा नाम क्या है?

भोगवा।

साबरमती नदी पर कौन-सा बांध है?

धरोई बाँध।

Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Gmail Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।

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