राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है | Rashtriya Suraksha Diwas Kab Manaya Jata hai
विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत में प्रत्येक वर्ष विभिन्न दिवसों को मनाया जाता है, जिनमें से एक राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भी है। भारत में हर वर्ष मार्च महीने की दिनाँक 4 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
विभिन्न क्षेत्रों में लापरवाही व जागरुकता की कमी के कारण कई अप्रत्याशित घटनाएं हो जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती है। इससे असुरक्षित वातावरण का निर्माण होता है, जो एक समाज के लिए आदर्श स्थिति नही है। औद्योगिक क्षेत्रों व कार्यस्थलों पर इस असुरक्षित वातावरण को ज्यादा पाया जाता है। इसमें सुधार लाने के उद्देश्य से ही मानव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सौजन्य से इस विशेष दिवस को मनाने की पहल की गयी थी।
नेशनल सेफ्टी डे को विस्तार देकर अब नेशनल सेफ्टी सप्ताह का रूप दे दिया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास | Rashtriya Suraksha Diwas ka Itihas
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1972 में की गयी थी, जब 4 मार्च को पहली बार इस दिवस को मनाया गया था। इस दिवस की शुरुआत करने का पूरा श्रेय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को जाता है। 4 मार्च को इस दिवस को मनाने के लिए इसलिये चुना गया था, क्योंकि 4 मार्च के दिन ही राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी। अपनी स्थापना के 6 साल पूरे होने पर कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत की गयी थी।
उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए जल्द ही इसे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, भारत | Rashtriya Suraksha Parishd
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर– लाभकारी संगठन व स्वशासी निकाय है, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित है। इसका गठन सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 तथा बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत वर्ष 1966 में 4 मार्च को किया गया था। इसका गठन राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य, पर्यावरण व सुरक्षा के विकास तथा उसे बनाए रखने के लिए किया गया था।
इस परिषद द्वारा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई कार्यक्रमों व सम्मेलनों को अयोजित करवाया जाता है, जैसे – सड़क सुरक्षा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी (2019) ।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम | Rashtriya Suraksha Diwas Theme
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हर वर्ष एक विशिष्ट थीम रखी जाती है। वर्ष 2022 के लिए इसका विषय “सुरक्षा संस्कृति का विकास करने के लिए युवा मस्तिष्कों को प्रोत्साहित करें” रखा गया था।
पिछ्ले कुछ सालों के विषय निम्नलिखित है:-
- वर्ष 2011 के लिए इसका विषय “निवारक सुरक्षा व स्वास्थ्य संस्कृति की स्थापना करना व बनाए रखना ” रखा गया था।
- वर्ष 2012 के लिए इसका विषय “स्वस्थ व सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना – मानव का एक मूल अधिकार” रखा गया था।
- वर्ष 2013 के लिए इसका विषय ”स्वस्थ व सुरक्षित कार्यस्थल की सुनिश्चितता के लिए सभी काम करें” रखा गया था।
- वर्ष 2014 के लिए इसका विषय “कार्यस्थल पर दबाव का प्रबंधन व खतरों का नियन्त्रण करना” रखा गया था।
- 2015 के लिए “सतत आपूर्ति श्रृंखला हेतु सुरक्षा संस्कृति निर्मित करना ” थीम को रखा गया था।
- 2016 के लिए “सशक्त सुरक्षा आन्दोलन, ताकि कोई नुकसान न हो” थीम को रखा गया था।
- 2017 के लिए “एक–दूसरे को सुरक्षित रखें” थीम को रखा गया था।
- 2018 के लिए “सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता नहीं, मूल्य है” थीम को रखा गया था।
- 2019 के लिए “सुरक्षा व स्वास्थ्य लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्यस्थल पर सकारात्मक व्यवहारों को बढ़ावा देना” थीम को रखा गया था।
- 2020 के लिए “स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रदर्शन को बढ़ाने हेतु उन्नत तकनीक का प्रयोग” थीम को रखा गया था।
- 2021 के लिए “आपदाओं से सीखें व एक सुरक्षित भविष्य हेतु तैयारी करें” थीम को रखा गया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है | Rashtriya Suraksha Diwas Kese Manaye
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मुख्यतः सुरक्षा से संबंधित है। इसके लिए विषय भी रखा जाता है, जिसके इर्द-गिर्द होने वाली गतिविधियां सुनियोजित की जाती है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है। इस दिन सरकार की ओर से भी कुछ कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की जाती है।
विभिन्न माध्यमों, जैसे – रेडियो, टी.वी. व इंटरनेट आदि द्वारा इस दिन से संबंधित जानकारियों का विवरण लोगों तक पहुंचाया जाता है। इस दिन लोगों को सुरक्षा रखने के प्रति जागरुक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, क्योंकि आत्म-सुरक्षा के लिए आत्म-जागरुकता बहुत जरूरी होती है।
विद्यालयों-महाविद्यालयों में भी कई सम्मेलन किए जाते है तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। विद्यालयों में भावी पीड़ी व महाविद्यालयों में देश के युवा होते है, जिनमें सुरक्षा का भाव विकसित करना जरूरी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के उद्देश्य | Rashtriya Suraksha Diwas ke Udeshya
जितने भी खास दिवस मनाये जाते है, उनका कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को मनाने के पीछे भी कुछ उद्देश्य है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित है:-
वीर सिपाहियों को याद करना
इस दिन को मनाने का एक उद्देश्य उन सैनिकों को याद करना है, जिन्होंने देश व लोगों की सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया तथा सुरक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया।
स्वच्छता
अक्सर सुरक्षा को देश की सीमा की रक्षा से ही जोड़ा जाता है, लेकिन ये इसके अलावा भी बहुत कुछ है। सुरक्षा में स्वच्छता भी शामिल है। अस्वच्छ्ता से कई बीमारियाँ उत्पन्न होती है, जिससे स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाता है। इस दिन लोगों को स्वच्छता के प्रति भी जागरुक करने का प्रयास किया जाता है।
खाद्य सुरक्षा
वर्तमान समय में खाद्य पदार्थों में बढ़ती मिलावट उसे विषाक्त बना रही है। ये विषाक्त पदार्थ स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है।
सड़क सुरक्षा
सड़कों को सबसे असुरक्षित माना जाता है, क्योंकि यहां लोगों की एक बड़ी सँख्या हादसों का शिकार हो जाती है। इस दिन सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों को जन-जन तक पहुंचाने व उनका पालन करने हेतु लोगों को प्रेरित करने का प्रयास किया जाता है।
औद्योगिक सुरक्षा
औद्योगिक सुरक्षा, इस दिन को मनाने का प्रमुख उद्देश्य है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत इसी उद्देश्य के साथ की गयी थी। कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाएं, वहाँ असुरक्षित वातावरण बना देती है। इस स्थिति में सुधार लाने के लिए इस दिन का विशेष महत्व है।
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