रामघाट चित्रकूट | Ramghat Chitrakoot
रामघाट मन्दाकिनी नदी के किनारे स्थित, एक सुन्दर घाट है। यह चित्रकूट के मुख्य धार्मिक स्थलों में शामिल है। इस घाट पर पर कई सुन्दर-सुन्दर मन्दिर बने हुए है। यहाँ स्थित अधिकतर मंदिर भगवान श्री राम, देवी सीता, लक्ष्मण व हनुमान जी को समर्पित है। भक्तों के अलावा विभिन्न पर्यटक भी यहां घूमने के लिए आते है। रामघाट का वातावरण मनमोहक है। इस घाट का सकारात्मक माहौल होने के कारण यहाँ आने वालों को सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होती है।
यहाँ पर मंदाकिनी नदी में घूमने के नाव की सुविधा भी मौजूद है। नाव में बैठकर मन्दाकिनी नदी में घूमने का लुत्फ़ उठाया जा सकता है। नाव चलाने वाले घाट पर मन्दाकिनी नदी के किनारे मौजूद सभी मन्दिरों के दर्शन करवाते है। पैदल घूमने के लिए भी यह स्थान उपयुक्त है। इस घाट पर मन्दाकिनी नदी पर पुल भी बना हुआ है, जिसकी सहायता से एक किनारे से दूसरे किनारे तक पहुंचा जा सकता है।
इस घाट पर हनुमान जी की एक विशालकाय प्रतिमा भी मौजूद है। मन्दाकिनी नदी के किनारे पर यह प्रतिमा स्थित है। मन्दिरों के साथ-साथ घाट पर कई सारी दुकानें भी है, जिसमें प्रसाद की भी दुकानें शामिल है। दुकानों से प्रसाद खरीद कर ईश्वर को अर्पित किया जाता है तथा घर के लिए भी प्रसाद खरीदा जाता है। अक्सर दुकानों पर चहल-पहल रहती है, विशेषकर शाम के समय।
रामघाट चित्रकूट का महत्व | Ramghat Chitrakoot ka Mahatva
- वनवास के दौरान श्री राम-लक्ष्मण व देवी सीता ने 11 वर्ष से अधिक समय चित्रकूट में बिताया था। माना जाता है कि, उस समय श्री राम इसी घाट पर स्नान करने के लिए आते थे। इस मान्यता के ही कारण इस स्थान का नाम रामघाट पड़ा।
- रामघाट चित्रकूट भारत के पवित्र तीर्थस्थलों में शामिल है, जहाँ काफ़ी संख्या में साधु-संत व भक्तजन आते है।
- यह घाट तीर्थ स्थल के साथ साथ पर्यटक स्थल भी है, जो यहाँ रोजगार सृजन करने में भी मदद करता है।
- इस घाट पर भरत-राम मिलन मन्दिर भी मौजूद है।
- रामघाट चित्रकूट के वातावरण में मन को शांति मिलती है।
रामघाट चित्रकूट में आरती का समय | Ramghat Chitrakoot Aarti ka Samay
इस घाट का सबसे अच्छा समय शाम की आरती का समय माना जाता है। घाट पर आरती का समय शाम को 6 बजे का है । शाम को घाट पर मंदाकिनी नदी व गंगा नदी की आरती की जाती है। आरती के समय घाट का दृश्य बहुत सुंदर व मनमोहक लगता है। लोग नाव में बैठकर मन्दाकिनी नदी के बीच से आरती का आनंद लेते है।
आरती के समय मंदाकिनी नदी में मौजूद फव्वारा भी चालू होता है, जो आस-पास के दृश्य की सुन्दरता में चार चांद लगा देता है।
मन्दाकिनी नदी | Mandakini Nadi
मंदाकिनी नदी एक महत्वपूर्ण नदी है, जो कि यमुना नदी की एक सहायक नदी है। यह मध्यप्रदेश के सतना जिले से निकलती है तथा बहती हुई उत्तर प्रदेश में दाखिल होती है। उत्तर प्रदेश के कर्वी में यह नदी यमुना नदी में मिल जाती है। इस नदी की लंबाई 50 किलोमीटर है। इस नदी के किनारे कई घाट स्थित है, जिनमें से सबसे प्रमुख घाट, चित्रकूट का रामघाट है। मान्यता है कि माता सती अनुसुइया की तपस्या के परिणाम स्वरूप यह नदी अवतरित हुई थी।
चित्रकूट मन्दिर | Chitrakoot Mandir
चित्रकूट में कई मंदिर स्थित है, कुछ मन्दिरों का विवरण निम्नलिखित है:-
कामदगिरी मंदिर
चित्रकूट के सबसे प्रसिद्ध मन्दिरों में से एक कामदगिरी मन्दिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है। माना जाता है, कि इस स्थान पर राम-सीता व लक्ष्मण जी ने निवास किया था। अमावस्या के दिन इस पर्वत की परिक्रमा बहुत विशेष मानी जाती है, जिसके लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ आते है। ये मंदिर महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। कामदगिरी को इच्छा पूर्ति करने वाली पहाड़ी माना जाता है।
सती अनुसुइया मंदिर व आश्रम
यह वह स्थान है, जहां सती अनुसुइया निवास करती थीं। मन्दाकिनी नदी के किनारे स्थित यह स्थान शांतिपूर्ण है। मन्दाकिनी नदी को माता सती अनुसुइया की प्रार्थना का ही फल माना जाता है।
भरत- राम मिलाप मन्दिर
ये मन्दिर उस स्थान पर स्थित है, जहाँ भरत और राम का मिलन हुआ था। यह मंदिर भ्रातृत्व की भावना का प्रतीक है।
चित्रकूट में घूमने की जगह | Chitrakoot me Ghumne ki Jagah
चित्रकूट में कई घूमने लायक जगहें है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित है:-
हनुमान धारा
यह एक झरना है, जो एक पहाड़ी से गिरता है। पहाड़ी पर हनुमान जी की मूर्ति भी स्थित है। यह एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है।
आरोग्यधाम
यह प्राकृतिक चिकित्सा व आयुर्वेद का केंद्र है। यहाँ कई प्रकार की जड़ी-बूटी वाली वनस्पतियां मौजूद है।
गुप्त गोदावरी की गुफाएँ
यह स्थान पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहाँ गुफा के अंदर से एक चट्टान से एक बारहमासी जलधारा निकलती है, जो दूसरी चट्टान की तरफ जाते हुए रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाती है।
चित्रकूट कब जाना चाहिए | Chitrakoot kab jana Chiye
Chitrakoot किसी भी महीने जा सकते है, लेकिन जुलाई से फरवरी महीने का समय यहाँ घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
चित्रकूट कैसे जाएँ | Chitrakoot kese jaye
वायु मार्ग
चित्रकूट का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा प्रयागराज में है। प्रयागराज के अलावा लखनऊ हवाई अड्डे से भी चित्रकूट पहुँचा जा सकता है। प्रयागराज तथा लखनऊ से चित्रकूट के लिए नियमित रूप से बस और रेल सेवा उपलब्ध है।
रेलमार्ग
चित्रकूट धाम चित्रकूट का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। प्रयागराज, दिल्ली, जबलपुर, बांदा, आगरा, झांसी, हावड़ा, मथुरा, कटनी, कानपुर, मुगलसराय ,रायपुर, लखनऊ, वाराणसी आदि प्रमुख शहरों से यहाँ के लिए रेलगाड़ियाँ चलती है। इसके अलावा 4 किलोमीटर की दूरी पर शिवराम रेलवे स्टेशन भी स्थित है, जहाँ से रिक्शा व बस द्वारा चित्रकूट पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग द्वारा भी आसानी से चित्रकूट पहुंचा जा सकता है। चित्रकूट आसपास के शहरों के साथ सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। कानपुर, सतना, बांदा, मैहर, अयोध्या, लखनऊ, झाँसी आदि शहरों से चित्रकूट के लिए बस सेवा उपलब्ध है। यहाँ तक की दिल्ली से चित्रकूट के लिए बस सेवा मौजूद है। विभिन्न राष्ट्रीय व राज्य मार्गों द्वारा आप देश के विभिन्न हिस्सों से अपने निजी वाहन द्वारा भी चित्रकूट आ सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मध्यप्रदेश राज्य में।
अपने मंदिरों के लिए।
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