रायपुर
रायपुर भारत देश में छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रसिद्ध शहर है। ये छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी के साथ-साथ रायपुर जिले का मुख्यालय भी है। छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी हैं ( 2018 से )। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी जी थे।
रायपुर की भौगोलिक स्थिति की बात करें, तो विश्व के मानचित्र पर इसकी स्थिति 21°15’ उ. अक्षांश से 21°25’ उ. अक्षांश, तथा 81°38’ पू. से 81°63’ पू. देशांतर है। इस शहर का क्षेत्रफल 226 वर्ग किलोमीटर है, तथा जनसंख्या ( 2011 की मतगणना के अनुसार ) 10,10,087 है, इस प्रकार इसका घनत्व 4500 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। इस शहर का पिनकोड 492001-22, 493111-211 है।
2011 की जनसंख्या के अनुसार शहर का लिंगानुपात 946 , साक्षरता दर 86.90% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 92.39% तथा महिला साक्षरता दर 81.10 है।
रायपुर का इतिहास | Raipur History in Hindi
छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर का इतिहास हजारों साल पुराना है। Raipur शहर ऐतिहासिक नगरी है। कलचुरी वंश के समय में रतनपुर के विभाजन से रायपुर का इतिहास जुड़ा हुआ है। 14वीं शताब्दी में रतनपुर के कलचुरियों के राज्य का विभाजन हुआ, जिसके परिणाम स्वरूप रायपुर नगर की स्थापना हुई थी।
जानकारी के अनुसार राजा रामचंद्र इस राजवंश के राजा थे, जिनके द्वारा रायपुर में राजधानी स्थापित की गई थी। बाद में इस क्षेत्र पर मराठाओं का शासन हो गया था। मराठाओं ने रतनपुर को पुनः सत्ता का केंद्र बना दिया था। 1810 के दशक में मराठाओं व अंग्रेजों के बीच युद्ध हुए, और अंततः 1817 में अंग्रेजों ने मराठाओं को पराजित कर दिया था। परिणाम स्वरूप अंग्रेजों ने रायपुर को पुनः राजधानी बनाने का फैसला किया।
सन् 1947 में भारत देश को अंग्रेजों से आजादी मिली। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सन् 2000 में, 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ को राज्य की मान्यता मिली, और पुनः रायपुर को राजधानी बनाया गया।
रायपुर का मौसम
Raipur की जलवायु की बात करें, तो यहाँ की जलवायु ऊष्णकटिबंधीय, आर्द्र व शुष्क है। यहाँ सालभर तापमान मध्यम–सा रहता है। मार्च से जून के बीच के समय में यहाँ का तापमान थोड़ा गर्म रहता है। अप्रैल से मई माह के बीच ये तापमान कभी-कभी 47° सेल्सियस तक पहुंच जाता है। यहाँ का मौसम मिला–जुला है।
रायपुर का मेला | Raipur Mela
Raipur में महादेव घाट का पुन्नी मेला काफ़ी प्रसिद्ध है। ये मेला हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को खारुन नदी के किनारे लगता है, और कई दिनों तक चलता है। मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में डुबकी लगाने पर पुण्य की प्राप्ति होती है। हर वर्ष इस मेले के अवसर पर खारुन नदी में डुबकी लगाने की परंपरा है, जिसके लिए कई श्रद्धालु हर वर्ष इस पुन्नी मेले में शामिल होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा में इस अवसर की एक विशेषता ये भी है, कि श्रद्धालु खारुन नदी में डुबकी लगाने के साथ प्राचीन हट्केश्वर महादेव के मंदिर में भी दर्शन कर सकते है। इसके साथ ही मेले में झूलों व दुकानों का आनंद लिया जा सकता है।
महादेव घाट के पुन्नी मेले के अलावा भी रायपुर में कई अन्य क्षेत्रीय मेलों का भी आयोजन किया जाता है। क्षेत्रीय सरस मेला, फन वर्ल्ड मेला आदि कुछ अन्य मेलों के उदाहरण है।
रायपुर की संस्कृति
रायपुर भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति से सजा हुआ है। यहाँ को संस्कृति दिलचस्प व समृद्ध है। इसकी संस्कृति संगीत और नृत्य की अनोखी शैली से समृद्ध है। देवर नाचा, राउत नाचा, पंथी एंड सोवा, पांडवानी और पदकी , ये कुछ संगीत शैलियाँ व नृत्य नाटक है। इस क्षेत्र में पांडवानी महाभारत गायन की एक सुप्रसिद्ध संगीत कला है। यहाँ के लोग जीवनशैली व मनोरंजन में विविधता के शौकीन है।
सुरती, गौरी-गौरा, हरेली, तीजा और पोला इस क्षेत्र के मुख्य उत्सव हैं। सावन के महीने में हरेली मनाया जाता है, जो कि हरियाली का एक प्रतीक है। इस अवसर पर किसानों द्वारा कृषि उपकरण व गायों की पूजा की जाती है।
रायपुर का रहन-सहन
यहाँ के लोगों की स्थानीय भाषा मुख्यतः छत्तीसगढ़ी है, जिसे अधिकांश लोग आम बोल–चाल में प्रयोग करना पसंद करते हैं। रायपुर उन शहरों में से एक है, जो वर्तमान समय में तेजी से विकास कर रहे हैं, इसी कारण यहाँ बिजली–पानी की अच्छी सुविधाएँ हैं। यहाँ छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक पकवानों की भी अपनी खासियत है। मुथिया, आमत, चीला, बरा, भजिया व फ़रा यहाँ के कुछ प्रमुख व्यंजन हैं।
रायपुर में घूमने की जगह | Places in Raipur
रायपुर में कई घूमने लायक जगहें हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- गांधी उद्यान :- रायपुर शहर की हलचल के बीच ये उद्यान शांतिपूर्ण वातावरण, प्राकृतिक संपदा व सौंदर्य को संजोए हुए है। रंग– बिरंगे फूल, पेड़–पौधे , अलग-अलग पक्षी व मोर, इस उद्यान की शोभा को बढ़ाते हैं।
- नंदनवन जंगल सफ़ारी:- यह रायपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यह नया रायपुर में स्थित है, जो कि रायपुर रेलवे स्टेशन से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ विभिन्न प्रजातियों के पौधे व विभिन्न जानवर देखे जा सकते हैं। ये वन तकरीबन 800 एकड़ में फैला हुआ है।
- घटारानी झरना :- ये रायपुर से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर है। घटारानी झरना प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। गर्मी के मौसम में इस ठण्डे पानी के झरने का आनंद लिया जा सकता है।
- विवेकानंद सरोवर:- यह रायपुर की प्राचीनतम झीलों में से एक है, तथा गौतम बुद्ध को समर्पित है। एक पर्यटक स्थल होने के साथ–साथ इसके आसपास का प्राकृतिक वातावरण भी बहुत मनमोहक है।
रायपुर के प्रसिद्ध मंदिर
रायपुर के कुछ प्रसिद्ध मंदिर इस प्रकार है:-
- महामाया मंदिर:- ये रायपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। ये देवी माँ महामाया और माँ समलेश्वरी का मंदिर है। ये सबसे पुराने व समृद्ध मन्दिरों में से एक है। जानकारी के अनुसार सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें माँ समलेश्वरी के चरणों पर पड़ती हैं, तथा सूर्यास्त के समय माँ महामाया के चरणों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं।
- प्राचीन पंचमुखी महादेव मंदिर:- ये मंदिर रायपुर का बहुत प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर है। ये महादेव शिव जी का मंदिर है। इसके अंदर एक विशाल शिवलिंग स्थापित है। लोगों के बीच इस मंदिर के प्रति बहुत विश्वास है। बहुत सारे भक्तजन इस मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं।
रायपुर से जुड़े कुछ तथ्य
- 2021 में स्वच्छता सर्वेक्षण में रायपुर शहरों में 6वें पायदान पर था।
- रायपुर को भारत का धान का कटोरा भी कहा जाता है।
- रायपुर का सतयुग का नाम कनकपुर है।
निष्कर्ष
रायपुर प्रगति करता हुआ एक आधुनिक शहर है। इसका अपना इतिहास, संस्कृति व विशेषताएं हैं। घूमने के लिए भी रायपुर एक अच्छा विकल्प है।
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