राजस्थान भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। राजस्थान को सूखा प्रदेश भी माना जाता है क्योंकि इसके अधिकतर भाग में थार डेज़र्ट (ग्रेट इंडियन डेज़र्ट) हैं।
हर साल दुनिया भर से बहुत सारे पर्यटक यहाँ आते हैं। राजस्थान को भारत का प्रमुख पर्यटक स्थल माना जाता है।
साल 2018 में लगभग 5 लाख विदेशी पर्यटक और 1 करोड़ से भी अधिक घरेलू पर्यटक राजस्थान भ्रमण करने आए थे। इसके नाम से यह स्पष्ट होता है कि यह राजाओं की भूमि हुआ करता था। इसका पुराना नाम “राजपूताना” था, अर्थात् “राजपूतों का स्थान”।
यहाँ के हर ज़िले में आलीशान महल, क़िले, भव्य हवेलियाँ आदि देखने को मिलती है। यह सारे भवन अपनी वास्तुकला और इनसे जुड़ी कहानियों के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। हर महल के साथ एक अविश्वसनीय और दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई हैं।
ऐसे बहुत से भव्य महल और प्राकृतिक नजारें हैं जो आपको सिर्फ राजस्थान में ही देखने को मिल सकते हैं जैसे कि :-
- विश्व का दूसरा सबसे बड़ा क़िला – मेहरानगढ़ क़िला
- एशिया का सबसे बड़ा क़िला – चित्तौड़गढ़ क़िला
- भारत का सबसे बड़ा रेगिस्तान – थार डेज़र्ट
- भारत का सबसे पुराना महल – रामबाग
- विश्व की सबसे पुरानी एवं भारत की दूसरी बड़ी कृत्रिम झील – जयसमंद झील
उदयपुर (राजस्थान का कश्मीर)
उदयपुर को भारत के सबसे रोमांटिक शहर की उपाधि मिली हैं। झीलों के इस शहर में फतेहपुर झील, पिछोला झील, बड़ी झील, उदय सागर झील और न जाने कितनी अनगिनत झीलें बसी हुई हैं।
बारिश के मौसम में तो इसकी सुंदरता पर चार चाँद लग जाते हैं। इसीलिए उदयपुर-भ्रमण का सबसे सही समय मॉनसून ही है।
राजस्थान के हर शहर की तरह इस शहर में भी रॉयल हवेलियाँ, भव्य महल और आलीशान होटलों की भरमार हैं। जैसे कि सिटी पैलेस, मॉनसून पैलेस, लेक पैलेस, फतेह प्रकाश पैलेस आदि।
इस शहर की झीलों, पहाड़ों, और अद्भुत वनस्पति को देखकर यह कह पाना बहुत मुश्किल होगा कि यह राजस्थान का भाग हैं।
थार मरुस्थल-जैसलमेर (सुनहरी नगरी – द गोल्डन सिटी)
भारत में थार रेगिस्तान का सिर्फ 85 प्रतिशत भाग आता है। जिसमें से राजस्थान में 62 प्रतिशत है। यही कारण है कि राजस्थान को सूखा प्रदेश भी कहा जाता है। इस रेगिस्तान का बचा हुआ भाग पाकिस्तान, गुजरात और हरियाणा में है।
जैसलमेर की अनोखी बात यह है कि जैसलमेर में हमेशा से एक ही वंश का सबसे लंबे समय तक शासन रहा है। भारत के विविध इतिहास को देखते हुए ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता हैं। इसका कारण यह हैं कि यहाँ के महारावलों ने मुगलों के साथ समझौता कर लिया था जो अंत तक चलता रहा।
भले ही लोगों की कल्पना के अनुसार यह सिर्फ धूल से भरा एक रेगिस्तान है परंतु असलियत इस भ्रम से कोसों दूर हैं। जैसलमेर अपने अविस्मरणीय इतिहास, अलौकिक वास्तुकला, भव्य हवेलियों, अनोखी संस्कृति और प्राचीन कला की वजह से विश्व प्रसिद्ध हैं।
2018 में 2 लाख से भी अधिक पर्यटको ने अपना नया साल इस सुनहरे शहर में मनाया था।
आखिर क्यों है जैसलमेर इतना प्रसिद्ध ?
- जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल :-
यह जैसलमेर का एक ऐतिहासिक उत्सव है जो कई वर्षों से मनाया जा रहा हैं। यह फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है इसीलिए अगर आप कभी जैसलमेर जाएं तो फरवरी माह में जाएं।
इस बेरंग रेगिस्तान की मिट्टी पर भिन्न-भिन्न प्रकार की गतिविधियों की रौनक होती है जैसे कि ऊंट दौड़, पोलो, भारतीय वायु सेना का प्रदर्शन, कालबेलिया नृत्य, कठपुतली शो आदि । यह उत्सव पूरे 3 दिन तक चलता हैं।
- जैसलमेर का क़िला (सुनहरा क़िला):-
यह क़िला जैसलमेर की पहचान हैं। इसी कारण जैसलमेर को “द गोल्डन सिटी” की उपाधि मिली है।
इस क़िले की सबसे अनोखी बात यह है कि यह एक जीवंत शहरी केंद्र हैं। 3000 से ज़्यादा लोग यहाँ निवास करते हैं। यह खूबी बाकी किलों में देखने को नहीं मिलेगी क्योंकि बाकी के किले सिर्फ एक पर्यटक स्थल होते हैं। वहाँ निवास की अनुमति किसी को नहीं होती है।
इसके अविश्वसनीय इतिहास के कारण इसे “यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट” की उपाधि मिली हैं। इस क़िले में बहुत सारे ऐतिहासिक युद्ध हुए थे जैसे कि अलाउद्दीन खिलजी का तेरहवीं सदी में हमला और 1541 में हुमायूं का आक्रमण।
हुमायूं की विजय के साथ मुगलों ने 1862 तक जैसलमेर पर राज किया था। इस क़िले में पर्यटकों के रुकने की भी व्यवस्था है। एक राजसी क़िले में समय व्यतीत करने का मौका आपको और कहीं नहीं मिलेगा।
- कुलधरा गांव (एक भूतिया गांव) :-
हम सभी को भले ही भूत-प्रेत से भय ही क्यों ना लगता हो परंतु मानव जाति की जिज्ञासा उस भय से कही अधिक है।
यह गांव पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा श्रापित है। 200 सालों से यह गांव वीरान पड़ा है। इस गांव से 4000 पालीवाल ब्राह्मण रातों-रात गायब हो गए थे और जाते-जाते उन्होंने इस गांव को श्राप दिया था कि कभी भी कोई इस गांव में निवास नहीं कर पाएगा । किसी को नहीं पता कि उस रात को गांव में क्या हुआ था । यह बात एक रहस्य बन कर रह गई है ।
पर्यटक यहाँ घूम-फिर सकते हैं परंतु शाम 6 बजे के पश्चात यहाँ प्रवेश करना सख्त मना है। यहाँ अक्सर लोगों को बहुत विचित्र और डरावने अनुभव हुए हैं।
- माउंट आबू (राजस्थान का शिमला) :-
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है जिस कारण यहाँ हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। यह जगह राजस्थान की तपती गर्मी में यहाँ के लोगों को सुकून की ठंडक देता है।
इसे “हनीमून टूरिस्ट स्पॉट” भी कहा जाता है।
आखिर क्यों है माउंट आबू इतना प्रसिद्ध ?
- प्रकृति प्रेमियों के लिए है स्वर्ग-समान – यहाँ का लुभावना मौसम और मनमोहक वनस्पति कहीं और देखने को नहीं मिलती है। यहाँ नक्की झील, सनसेट पॉइंट, टॉड रॉक, चंपा की गुफाएँ, हनीमून प्वाइंट जैसे बहुत से सुंदर और आकर्षक स्थल हैं।
- प्रचलित और प्राचीन धार्मिक स्थल :- धार्मिक मनुष्यों (खासकर कि जैनियों के लिए) माउंट आबू एक प्रमुख तीर्थं स्थल माना जाता है। दिलवाड़ा मंदिर, रघुनाथ मंदिर, अर्बुदा देवी मंदिर, ब्रह्माकुमारी पीस पार्क आदि बहुत से मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
इन मंदिरों के माध्यम से लोगों को भारत के सुनहरे अतीत में झांकने का मौका मिलता है।
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