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माउंट आबू में घूमने की जगह

माउंट आबू में घूमने की जगह | Mount abu me Ghumne ki jagah

Posted on August 23, 2022
Table of contents
  1. Mount abu me Ghumne ki jagah | माउंट आबू में घूमने की जगह
    1. नक्की झील
    2. दिलवाड़ा मंदिर
    3. गुरु शिखर (Guru Shikar)
    4. टोड रॉक
    5. ब्रह्माकुमारी पीस पार्क
    6. माउंट आबू वाइल्डलाइफ सेंचुरी पार्क
    7. सनसेट पॉइंट (Sun Set Point)

जिस भी पर्यटक ने राजस्थान में घूमने का सोचा होगा या राजस्थान घुमा होगा उसने माउंट आबू का नाम तो जरूर सुना होगा। राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन  है जहाँ हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते है। इसके बहुत से कारण है जैसे कि यहाँ का अत्यंत लुभावना मौसम, यहाँ का रहस्यमय इतिहास, प्रचलित और प्राचीन धार्मिक स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य जैसे कि झरने, झीलें, जंगल, बाग- बगीचे, पहाड़, आदि। यह स्थान तीर्थ यात्रियों के लिए भी एक आदर्श स्थान माना जाता है।

गुजरात की सरहद के बिल्कुल पास होने के कारण यहाँ पर राजस्थान के साथ गुजरात के भी लोग अधिक संख्या में आते है। राजस्थान-गुजरात की तपती गर्मी से बचने के लिए लोग इस हिल स्टेशन पर आते है। यही कारण है कि माउंट आबू को “राजस्थान का शिमला” भी कहा जाता है।

इसे “हनीमून टूरिस्ट स्पॉट” भी कहा जाता है।

Mount abu me Ghumne ki jagah | माउंट आबू में घूमने की जगह

नक्की झील

यह झील भारत की एकमात्र कृत्रिम झील है जिसे माउंट आबू की “लव लेक (प्रेम झील)” भी कहा जाता है।     

यह 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह माउंट आबू की सबसे लोकप्रिय जगह मानी जाती है इसी कारणवश अधिकतर होटल इसी झील के आसपास बनाए गए है (लगभग 90%)। इस झील के बिल्कुल  पास ही बाजार है और यहाँ पर्यटक नाव में तैराकी भी कर सकते हैं । यही तो कारण है कि यह सबसे लोकप्रिय जगह है।

यहाँ पर लोग रॉक क्लाइंबिंग भी कर सकते है।

आखिर क्यों पड़ा इस झील का नाम नक्की ?

गरासिया जनजाति इस झील को सबसे पवित्र मानती है। हर साल अप्रैल के मास के शुक्ल पक्ष में इस जनजाति के लोग यहाँ आकर अपने नाखूनों को पवित्र करते है और अपने पूर्वजों को याद करते हैं। इसी  वजह से इसका नाम नक्की पड़ा ।

दिलवाड़ा मंदिर

यह कुल पांच जैन मंदिर है जिन्हें दिलवाड़ा कहा जाता है। यह माउंट आबू से ढाई किलो मीटर की दूरी पर अरावली की सुंदर पहाड़ियों के बीच स्थित है।

यह सुंदर मंदिर 11 वीं से 13 वीं सदी के बीच में बनाया गया था । यह अपनी वास्तुकला के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसकी तुलना रणकपुर के जैन मंदिर और ताजमहल की वास्तुकला से की जाती है। यह पूरा सफेद संगमरमर का बनाया हुआ है।

गुरु शिखर (Guru Shikar)

गुरु शिखर पूरे राजस्थान के अरावली पहाड़ों की सबसे ऊंची चोटी है। यह समुद्र तल से 1722 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान माउंट आबू से करीबन 15 किलोमीटर दूर है।

Guru Shikhar का नाम गुरु दत्तात्रेय के नाम पर रखा गया था। इनके पवित्र चरणों के निशान आज भी यहाँ  एक गुफा में एक चट्टान के ऊपर छपे हुए है। इनके लिए एक मंदिर भी बनवाया गया है। गुरु दत्तात्रेय को विष्णु जी का अवतार माना जाता था।

मंजिल से ज्यादा यहाँ तक पहुँचने का सफर मनोरंजक है। रास्ते में बहुत भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव-जंतु, झरने और सुंदर वादियाँ देखने को मिलती है। यह चढ़ाई मुश्किल जरूर है, परंतु यहाँ पहुँचने के बाद  बिल्कुल भी अफसोस नहीं होता है। गुरु शिखर का नज़ारा अत्यंत मनमोहक है।

यहाँ पर एक बहुत पुरानी घंटी भी टंगी है जो 1411 ईस्वी में बनाई गई थी। इस घंटी को बजाना सौभाग्य और शुभ माना जाता है।

टोड रॉक

“टॉड” अर्थात् मेंढक के आकार का यह पत्थर नक्की झील के बिल्कुल पास स्थित है। इसे माउंट आबू की पहचान माना जाता है क्योंकि यह अनोखा और विचित्र दिखने वाला पत्थर किसी मनुष्य ने नहीं बल्कि प्रकृति ने स्वयं बनाया है। शायद इसीलिए इसे “माउंट आबू का शुभंकर” भी कहते हैं। यहाँ से नज़ारा भी बहुत खूबसूरत दिखता है।

ब्रह्माकुमारी पीस पार्क

यह जगह शांति और खूबसूरती का बिल्कुल सही मिश्रण है। यह धार्मिक स्थल अपने गुलाबों के बगीचे, रॉक गार्डन और कैक्टस की अनेक प्रजातियों के लिए भी जाना जाता है।

यह स्थान अचलगढ़ और गुरु शिखर के बिल्कुल मध्य में स्थित है। आसपास की पहाड़ियों से घिरा हुआ यह उद्यान इसे शांत और सुकूनमय जगह बनाता है। या यूं कह लो की प्रकृति ने स्वयं ही इस जगह को शांत बना रखा है।

आगंतुकों को मानव जीवन, उनके लक्ष्यों और शांतिपूर्ण और सफल जीवन जीने की कला के बारे में समझाया जाता है।

माउंट आबू वाइल्डलाइफ सेंचुरी पार्क

राजस्थान की अनेक जीव-जंतु और पक्षियों की प्रजातियाँ देखने के लिए यह सबसे उचित जगह है। यहाँ पेड़-पौधों की 720 से भी ज्यादा प्रजातियाँ और पक्षियों की 250 से भी ज्यादा प्रजातियाँ पाई जाती है। माउंट आबू खासकर की गुलाब, बांस और भिन्न-भिन्न प्रकार के ऑर्किड के लिए प्रसिद्ध है।

यहाँ स्थानीय पक्षियों के साथ प्रवासी पक्षी भी बहुत पाए जाते है। तेंदुए, भेड़िए, जंगली बिल्ली और वन्यजीव यहाँ के मुख्य जंगली जानवर है। यह सेंचुरी पार्क 7 किलोमीटर लंबा है। प्रकृति प्रेमियों के लिए इससे ज़्यादा उपयुक्त जगह नहीं हो सकती।

सनसेट पॉइंट (Sun Set Point)

शाम होते ही लगभग सारे पर्यटक माउंट आबू का अत्यंत लुभावना “सनसेट” अर्थात् सूर्यास्त देखने यहां पहुँच जाते है। यह स्थान नक्की झील से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आकाश के पल भर में बदलते रंगों  को देखकर आंखें चौंधीआ जाती है।

अरावली पहाड़ों की सुंदर वादियों में डूबता सूरज , आसमान के बदलते रंग और बिल्कुल पास ही में नक्की झील – यह दृश्य मानो किसी चित्रकार की काल्पनिक चित्रकारी जैसा लगता है।

इसके बिल्कुल पास ही में “बेलीज वॉक” स्थित है जहाँ पर घोड़े, खट्टू, ऊंट आदि की सवारी होती है। यहाँ आस-पास में खान-पान की भी दुकानें है। अक्सर सूर्यास्त के बाद सारे पर्यटक यहीं आ जाते है।

Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Gmail Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।

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