पन्ना नेशनल पार्क
भारत में प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से कई राष्ट्रीय उद्यान स्थित है, जिनमें से एक पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भी है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान करीब 542 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह भारत देश का 22वां टाइगर रिज़र्व है।
वर्ष 2011 में यूनेस्को द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान को बायोस्फीयर रिजर्व की सूची में रखा गया था। यही नहीं, 2007 में पर्यटन विभाग द्वारा इस उद्यान को सबसे अच्छे रख-रखाव के लिए पुरस्कृत भी किया गया था।
केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान के पास से होती हुई बहती है। इस उद्यान को ताडोबा उत्तर क्षेत्र, मोरहुली क्षेत्र व कोलसा दक्षिण रेंज नामक तीन हिस्सों में विभक्त किया गया है। उद्यान में कोलसा झील, ताडोबा झील व ताडोबा नदी नामक जल स्त्रोत भी है, सफारी की भी अनुमति है।
पन्ना नेशनल पार्क कहाँ स्थित है?
Panna National Park भारत के मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान पन्ना तथा छतरपुर जिले में स्थित है।
पन्ना नेशनल पार्क की स्थापना
Panna National Park को वर्ष 1981 में स्थापित किया गया था। आगे चलकर इसे टाइगर रिज़र्व तथा बायोस्फीयर रिजर्व भी घोषित किया गया।
पन्ना टाइगर रिज़र्व
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1994 -95 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत लाया गया था। प्रोजेक्ट टाइगर के चलते इसे टाइगर रिज़र्व घोषित कर दिया गया था। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत संरक्षण देने के पीछे का उद्देश्य यहाँ बाघों की घटती संख्या को रोकना था।
धीरे-धीरे यहाँ के बाघ कम होते जा रहे थे। वर्ष 2009, मार्च में यहाँ दो बाघिनों को लाया गया था। वर्ष 2009, जून में आधिकारिक तौर पर यह घोषित किया गया था, कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में केवल दो ही बाघिनें है, जिन्हें कुछ दिन पहले ही लाया गया था। 2009 से छ: वर्ष पहले इस राष्ट्रीय उद्यान में 40 बाघों से अधिक बाघ थे।
2009 में सभी बाघों के लुप्त हो जाने के बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने कोई कड़ा कदम नहीं उठाया। अंततः पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा पन्ना टाइगर रिज़र्व में बाहर से बाघों को लाने की अनुमति दी गई। इसके बाद यहाँ दो बाघिनों व दो बाघों को लाया गया। जब यहाँ दो बाघ लाए गए, तो कुछ दिनों बाद ही उनमें से एक बाघ भाग गया तथा अपने पुराने आवास की तरफ़ जाने लगा। बाद में कड़ी मशक्कत के बाद उसे वापस पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया।
सतपुड़ा नेशनल पार्क , होशंगाबाद | Satpura National Park
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के वन्यजीव
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान कई वन्यजीवों का आश्रय है। यहाँ कई विलुप्तप्राय प्रजातियाँ भी है, जिनका संरक्षण किया जाता है। भारत के इस राष्ट्रीय उद्यान में निम्नलिखित जानवरों को देखा जा सकता है:-
शाही बाघ, जंगली कुत्ता, तेन्दुए, भेड़िया, चीतल, हाइना, चिंकारा, नीलगाय, भालू आदि। यहाँ विभिन्न जानवरों के अलावा हंस, सफेद गर्दन वाले सारस, किंग गिद्ध, ब्लॉसम तथा हनी बुज़ार्ड सहित करीब 200 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते है।
यहाँ विभिन्न प्रकार के सर्पों की प्रजातियाँ भी पाई जाती है, जिनमें अजगर भी शामिल है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पति
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में मुख्य रूप से शुष्क पर्णपाती वन तथा घास के क्षेत्र है तथा इसके पीछे का मुख्य कारण यहाँ की उष्णकटिबंधीय जलवायु है। सागौन, बोसवेलिया, बांस तथा कढाई यहाँ की प्रमुख वनस्पति में शामिल है।
इस राष्ट्रीय उद्यान के खुले जंगलों में महुआ, बेल, सलाई, तेंदू आदि वनस्पतियों के साथ-साथ कई प्रकार के सुंदर फूल भी देखे जा सकते है।
पन्ना नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है?
Panna National Park मुख्य रूप से यहाँ की सुन्दरता व रख-रखाव के लिए प्रसिद्ध है, जिसके लिए 2007 में इसे पुरस्कृत भी किया जा चुका है। यहाँ बाघ देखने को मिल जाते है। एक सबसे खास बात यह भी है, कि पन्ना जिले में हीरों की खदानें है, जिसके कारण अक्सर आस-पास के क्षेत्रों से हीरे मिलने की खबरें आती रहती है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए सबसे अच्छा समय
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को अक्टूबर महीने से जून महीने तक लोगों के घूमने के लिए खोला जाता है।
गर्मी के मौसम में यहाँ का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है, ऐसे में गर्मी का मौसम यहाँ जाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए अक्टूबर से मार्च महीने तक के समय को बेहतर माना जाता है, क्योंकि इस दौरान यहाँ सर्दी का सुहावना मौसम रहता है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की एन्ट्री फीस तथा टाइमिंग
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश करने के लिए कोई एन्ट्री फीस नही है, लेकिन इसके अंदर करवायी जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के लिए शुल्क निर्धारित है।
वहीं इसकी टाईमिंग की बात करें , तो इसे सुबह 6:30 से 10:30 तथा दोपहर 2:30 से 5:30 के दौरान घूमने वालों के लिए खोला जाता है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में की जाने वाली गतिविधियाँ
जीप सफ़ारी
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में जीप सफ़ारी करने की सुविधा उपलब्ध है। इसके जरिए पार्क में आसानी से घूमा जा सकता है तथा विभिन्न वन्यजीवों को देखा जा सकता है। जीप सफ़ारी के दौरान फोटोग्राफी भी की जा सकती है।
जीप सफ़ारी करने के लिए पर्यटकों को शुल्क देना पड़ता है। भारतीय पर्यटकों के लिए यह शुल्क 1000 रुपये तथा विदेशी पर्यटकों के लिए 2000 रुपये तय किया गया है।
एलीफेंट सफ़ारी
जीप सफ़ारी के अलावा पन्ना नेशनल पार्क में एलीफेंट सफ़ारी भी की जा सकती है। इसमें आप हाथी की सवारी के साथ करीबी से प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद उठा सकते है। यह सफ़ारी उद्यान की पगडंडियों के साथ-साथ होती है।
एलीफेंट सफ़ारी के लिए भी शुल्क लिया जाता है, जो कि 100 रुपये से शुरू होता है।
बोट राइड
केन नदी इस उद्यान के लिए पानी का प्रमुख स्त्रोत है। यहाँ आपको बोट राइडिंग करने की सुविधा मिल जाती है। इस दौरान नदी के किनारे पानी पीते हुए जानवरों को भी देखा जा सकता है। बोट राइडिंग के लिए शुल्क 150 रुपये से शुरू होता है।
पन्ना नेशनल पार्क कैसे पहुँचे?
वायु मार्ग
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित खजुराहो का एयरपोर्ट, इसका निकटतम हवाई अड्डा है। इस एयरपोर्ट के लिए देश के प्रमुख एयरपोर्टों से फ्लाइट मिल जाती है। एयरपोर्ट से बस या टैक्सी के द्वारा उद्यान पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग
सतना रेलवे स्टेशन, कटनी रेलवे स्टेशन तथा झाँसी रेलवे स्टेशन पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के करीबी रेलवे स्टेशन है, जो क्रमशः 90 किलोमीटर, 150 किलोमीटर तथा 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान आने के लिए बस या टैक्सी का प्रयोग किया जा सकता है।
सड़क मार्ग
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान अपने आस-पास के क्षेत्रों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। खजुराहो से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के लिए निजी कैब तथा बस सेवा उपलब्ध है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ)
पन्ना तथा छतरपुर
मध्यप्रदेश
केन नदी
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