पन्ना जिला
पन्ना जिला मध्यप्रदेश राज्य का एक प्रमुख जिला है। मध्यप्रदेश भारत का एक प्रमुख राज्य है। पन्ना अपनी कई खासियतों के कारण भारत का तथा मध्यप्रदेश राज्य का एक प्रमुख जिला है। पन्ना जिले की भौगोलिक स्थिति की बात करें, तो विश्व मानचित्र पर पन्ना जिले की स्थिति 23°50’उ. से 25°08’ उ. अक्षांश तथा 79°44’ पू. से 80°40’ पू. देशांतर है।
इस जिले का क्षेत्रफल लगभग 7,135 वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से पन्ना जिला मध्यप्रदेश का 16वां सबसे बड़ा जिला है। जिले की सीमा पश्चिम में छतरपुर, पूर्व में सतना, उत्तर में उत्तर प्रदेश राज्य, तथा दक्षिण में कटनी के साथ लगती है। राष्ट्रीय राजमार्ग 7 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 75 इस जिले से होकर गुजरते हैं।
2011 की मतगणना के अनुसार पन्ना जिले की जनसंख्या 10,16,028 है, इस प्रकार इसका जनसंख्या घनत्व 140 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। 2011 की मतगणना के अनुसार यहाँ की साक्षरता दर लगभग 64 प्रतिशत तथा औसत लिंगानुपात 916 है।
पन्ना जिले का इतिहास
पन्ना जिले का इतिहास समृद्ध एवं गौरवशाली है। 13वीं सदी से 17वीं सदी तक इस क्षेत्र पर मुख्य रूप से गोंड जनजाति का अधिशासन था। चंदेल राजाओं ने 17वीं शताब्दी में इस क्षेत्र के गोंड जनजाति के लोगों को पराजित करके इस क्षेत्र को अपने आधिपत्य में ले लिया था। कुछ समय बाद में पन्ना का क्षेत्र बुंदेला राजपूतों के शासन के अंतर्गत आ गया था। उस समय यह छत्रसाल राजा की राजधानी के रूप में था। छत्रसाल ने मुगल साम्राज्य के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व किया था। सन् 1732 में छत्रसाल राजा की मृत्यु हो गई थी। राजा छत्रसाल की मृत्यु होने के बाद पन्ना का क्षेत्र उनके सबसे बड़े पुत्र हरदे शाह के शासन के अंतर्गत आ गया था।
पन्ना का क्षेत्र 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश भारत की एक रियासत के रूप में था। वर्ष 1950, 1 जनवरी को भारत सरकार द्वारा विंध्य प्रदेश को भारत में शामिल किया गया था, जिसमें पन्ना भारत का एक जिला बन गया था। 1 नवंबर 1956 को विंध्य प्रदेश को मध्यप्रदेश में शामिल किया गया था।
Places to Visit in Panna | पन्ना के दर्शनीय स्थल
पन्ना जिले के दर्शनीय स्थलों में से कुछ निम्नलिखित हैं:-
- पन्ना दुर्ग के अवशेष- यह दुर्ग चंदेल शासन के समय से संबंधित है। यह अजयगढ़ किले का दुर्ग है, जो विंध्य की पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। इस किले में मात्र 2 प्रवेश द्वार हैं, एक द्वार किले के उत्तर दिशा में है, तथा दूसरा द्वार दक्षिण पूर्व दिशा में हैं। इन अवशेषों में प्राचीन मंदिर के भी कुछ अवशेष हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, तथा यहाँ कई लोग इन्हें देखने के लिए आते है।
- गुरू प्राणनाथ का मंदिर:- प्राणनाथ जी मंदिर, पन्ना का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह 1692 में बनाया गया था। इसकी संरचना में मुस्लिम और हिंदू स्थापत्य शैली की झलक देखने को मिलती है। मंदिर को 6 भागों में बाँटा गया है। यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां शरद पूर्णिमा के दौरान भक्तों की संख्या ज्यादा रहती है।
- बलदेव जी का मंदिर:- यह मंदिर रोमन वास्तुकला से प्रेरित है। मंदिर में शालिग्राम पत्थर से निर्मित बलदेव जी की आकर्षक प्रतिमा है। पर्यटकों के लिए यह मंदिर एक आकर्षण का केंद्र है।
- श्री पद्मावती देवी मंदिर:- यह मंदिर मुख्य रूप से हिंदुओं का धार्मिक तीर्थ स्थल है। यह 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार जब देवी मां सती हुई थीं, तब उनके शरीर का एक भाग यहां गिरा था इस मंदिर की स्थापत्य कला आकर्षक एवं दर्शनीय है। पर्यटकों के लिए हमेशा से यह मंदिर आकर्षण का केंद्र रहा है।
- जुगल किशोर मंदिर:- यह मंदिर पन्ना जिले का एक खास मंदिर है। 1758 से 1778 के अपने शासन के समयकाल के दौरान पन्ना के चौथे बुंदेला राजा राजा हिंदुपट ने जुगल किशोर जी मंदिर का निर्माण करवाया था। माना जाता है कि मंदिर के गर्भ ग्रह में रखी गई मूर्ति को वृंदावन से लाया गया है। स्वामी जी की पोशाक और आभूषणों से बुंदेलखंडी शैली का दर्शन होता है
पन्ना की संस्कृति, व्यंजन व त्यौहार
पन्ना जिले की संस्कृति काफी समृद्ध और आकर्षक है। यहां विभिन्न त्यौहार मनाए जाते हैं जिनमें से कुछ निन्नलिखित है:-
- अंतर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव:- इस महोत्सव को सुप्रसिद्ध मंदिर श्री प्राण नाथ मंदिर जी में शरद ऋतु की शरद पूर्णिमा के दौरान मनाया जाता है ।यह 9 दिवसीय उत्सव होता है, जिसकी शुरुआत विजयदशमी के दिन खेरा मंदिर से की जाती है।
- रथ यात्रा:- पन्ना की रथयात्रा देश की सबसे पुरानी वह सबसे बड़ी रथयात्राओं में से एक है। यह रथयात्रा, पुरी के जगन्नाथ मंदिर की रथ यात्रा की तर्ज पर निकाली जाती है। यह रथयात्रा लगभग 166 साल पहले तत्कालीन पन्ना के राजा महाराजा किशोर सिंह द्वारा शुरु की गई थी,जो कि आज भी जारी है।
पन्ना जिले के प्रमुख व्यंजनों में से कुछ निन्नलिखित है
- खुरचन:- यह एक स्वादिष्ट मिठाई है , जो कि दूध से बनाई जाती है। इसकी ऊपरी परत थोड़ी कुरकुरी तथा नीचे की परत नरम होती है।
- गक्कड़ भर्ता:- यह पन्ना के मुख्य भोजन में से एक है, जो कि आटे से बनी मोटी रोटी जिसे गक्कड़ कहते हैं, से बनाया जाता है। इसमें बैंगन, टमाटर, प्याज आदि को मिलाकर भुना जाता है।
पन्ना जिले की प्रमुख नदियाँ व जलाशय
पन्ना जिले में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा हुआ है। यहां की कुछ प्रमुख नदियाँ निम्नलिखित हैं:-
- किलकिला नदी:- यह छापर टेक पहाड़ी से निकलती है , तथा टाइगर रिज़र्व से होती हुई, केन नदी में मिल जाती है।
- केन नदी:- ये पन्ना जिले की मुख्य नदी है, जिसमें कई सहायक नदियाँ मिलती हैं। इसकी सहायक नदियों से कई छोटे-छोटे जलप्रपात भी बनते हैं।
कुछ प्रमुख जलाशय निम्नलिखित हैं :-
- अजयगढ़ का तालाब:- अजयगढ़ एक प्राचीन जगह है। यहाँ कई तालाब हैं, जिनमें से कुछ मौसमी हैं, और कुछ को केन नदी से जल प्राप्त होता है।
- कुंवरपुरा का तालाब:- ये तालाब कुंवरपुरा नामक एक ग्राम में स्थित है। इसके आसपास का प्राकृतिक पर्यावरण भी काफ़ी सुंदर है।
- बृहस्पति कुंड:- इसे भारत का नायग्रा फॉल भी कहा जाता है। इसका स्त्रोत बाघिन नदी है। यह झरना बहुत मनमोहक तथा सुन्दर है, जिसकी ओर पर्यटक खिंचे चले जाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हीरे के लिए।
मध्यप्रदेश।
बृहस्पति कुंड को।
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