ओंकारेश्वर बांध कहाँ स्थित है?
Omkareshwar Bandh भारत देश के मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में मंधाता से थोड़ी सी दूरी पर ही ओंकारेश्वर बांध स्थित है।
ओंकारेश्वर बांध कब बनाया गया था?
Omkareshwar Bandh के निर्माण की बात करें, तो इसका निर्माण काफ़ी खास है, क्योंकि इसका निर्माण काफ़ी कम समय में हुआ था। वर्ष 2003 मे इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था तथा वर्ष 2007 में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया था।
ओंकारेश्वर बांध की जानकारी
ओंकारेश्वर बांध मध्यप्रदेश में स्थित सबसे तेजी से निर्मित होने वाला बांध है। यह बांध करीब 73 मीटर ऊँचा तथा 949 मीटर लंबा है। यह बांध कंक्रीट से बना हुआ है। वर्ष 1965 में पहली बार इस परियोजना का विचार आया था। यह एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है, जिसके द्वारा करीब 529 गाँवों को लाभ हुआ है। इस बांध परियोजना के तहत पनबिजली का भी उत्पादन किया जाता है। इस परियोजना की बिजली उत्पादन की क्षमता करीब 520 मेगावाट है।
इस बांध द्वारा एक बड़े जलाशय का निर्माण हुआ है, जिसमें कई छोटे-छोटे टापू भी है।
ओंकारेश्वर बांध किस नदी पर है?
मध्यप्रदेश राज्य में नर्मदा नदी पर Omkareshwar Bandh बना हुआ है। नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध, इंदिरा सागर बांध, सरदार सरोवर बांध, महेश्वर बांध आदि 30 बांधों में Omkareshwar Bandh भी शामिल है।
ओंकारेश्वर बांध कितने एकड़ में है?
Omkareshwar Bandh काफ़ी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध तकरीबन 327, 000 एकड़ यानि 132, 000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
ओंकारेश्वर बांध में कितने गेट है?
ओंकरेश्वर बांध में कुल 23 गेट है। जब नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ जाता है, तो इसके कुछ गेट खोल दिए जाते है। कई अवसरों पर इसके सभी 23 गेट भी खोलने पड़े है।
ओंकारेश्वर बांध से जुड़ा विवाद
आमतौर पर जब भी किसी परियोजना की शुरुआत की जाती है, तो उसे विवादों का शिकार भी होना पड़ता है। Omkareshwar Bandh भी इससे अछूता नहीं है। ओंकारेश्वर बांध से जुड़ा एक विवाद निम्नलिखित है:-
वर्ष 2012 में ओंकारेश्वर बांध की ऊँचाई बढ़ाने को लेकर एक विवाद हुआ था। सरकार द्वारा बांध की ऊँचाई को 189 मीटर से 193 मीटर तक बढ़ाने की घोषणा की गयी थी। इस घोषणा का जिले की 13 ग्राम सभाओं व नर्मदा बचाओ आंदोलन के संगठन द्वारा विरोध किया गया। संगठन का तर्क था , कि “परियोजना से प्रभावित हुए 2,500 परिवारों का अभी पुनर्वास नहीं किया गया है। ऐसे में बांध की ऊँचाई बढ़ाना ‘अमानवीय’ है।“
ओंकारेश्वर बांध की ऊँचाई बढ़ने से करीब 11 गांव तथा 4000 परिवार प्रभावित होने वाले थे। सरकार ने विभिन्न तर्कों द्वारा अपने कार्य को जारी रखा। जिसके बाद गांव के लोगों ने भारी विरोध किया। उन्होंने जल-जमाव में यह विरोध किया। करीब 17 दिन बाद लोगों की बिगड़ती हालत को देखते हुए सरकार को अपना निर्माण कार्य रोकना पड़ा।
पर्यटन की दृष्टि से ओंकारेश्वर बांध
ओंकारेश्वर बांध के आस-पास कई धार्मिक स्थल है, जिनमें से एक ओंकारेश्वर मंदिर भी है। इसी वजह से कई लोग इस बांध पर भी घूमने के लिए आते है। बांध द्वारा बनने वाला जलाशय एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। इस बांध पर एक ज़ीरो पॉइंट नामक जगह है, जहाँ से पूरे बांध का एक सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। Omkareshwar Bandh पर फोटो खींचने के लिए मना किया जाता है, लेकिन ज़ीरो पॉइंट पर फोटो ली जा सकती है।
ज़ीरो पॉइंट से बांध के गेट भी दिखाई देते है तथा आस-पास के घने जंगल भी दिखाई देते है।
ओंकारेश्वर बांध कैसे पहुँचे?
तीनों माध्यमों का प्रयोग करके ओंकारेश्वर बांध पहुँचा जा सकता है, अर्थात ओंकारेश्वर बांध जाने के लिए वायु मार्ग, रेल मार्ग व सड़क मार्ग तीनों उपलब्ध है।
वायु मार्ग
ओंकारेश्वर बांध जाने के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा इंदौर का हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा यहाँ से करीब 77 किलोमीटर की दूरी पर है। इंदौर एयरपोर्ट के लिए देश के प्रमुख नगरों से फ्लाइट मौजूद है। हवाई अड्डे से Omkareshwar Bandh तक जाने के लिए टैक्सी या बस सेवा का प्रयोग किया जा सकता है।
रेल मार्ग
ओंकारेश्वर बांध जाने के लिए सबसे निकट का प्रमुख रेलवे स्टेशन खंडवा का रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन तक आने के लिए आस-पास के शहरों से नियमित रूप से ट्रेन मिल जाती है। इस रेलवे स्टेशन से ओम्कारेश्वर बांध करीब 72 किलोमीटर की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी का प्रयोग करके बांध तक पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
खंडवा जिला आस-पास के क्षेत्रों से अच्छी तरह से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इसके आस-पास के शहरों से Omkareshwar Bandh जाने के लिए सीधी बसें मिल जाती है। निजी वाहन के द्वारा भी Omkareshwar Bandh पहुँचा जा सकता है।
ओंकारेश्वर बांध के आस-पास घूमने की जगह
ओंकारेश्वर मंदिर
यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यह मंदिर एक टापू पर स्थित है, जो कि नर्मदा नदी के मध्य में है।
ममलेश्वर मंदिर
ओम्कारेश्वर मंदिर के निकट ही स्थित ममलेश्वर मंदिर एक प्राचीन और सुंदर मंदिर है। यहाँ पत्थरों से बनी भगवान शिव व माता पार्वती की मूर्तियाँ स्थापित है। इस मंदिर में सुंदर नक्काशी भी की गयी है।
मंधाता पैलेस
मंधाता पैलेस, मंधाता टापू पर स्थित है। यह एक प्राचीन महल है। यह एक अच्छा पर्यटक स्थल है। इस पैलेस की सुंदरता लोगों को भाती है।
सिद्धनाथ मन्दिर
यह मंदिर मंधाता पर्वत पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर ओम्कारेश्वर मंदिर से थोड़ी-सी दूरी पर ही है। यहाँ कई सुन्दर मूर्तियाँ है, जिन पर काफी आकर्षक नक्काशी की गयी है।
पाताली हनुमान मन्दिर
यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंधाता पर्वत पर स्थित एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। यहाँ हनुमान जी की एक लेटी हुई मुद्रा में प्रतिमा है। यह प्रतिमा देखने में बहुत अच्छी लगती है।
नर्मदा-कावेरी संगम स्थल
यह ओंकारेश्वर में स्थित एक प्रमुख पर्यटक स्थल है, जो कि मंधाता पर्वत के एक छोर पर स्थित है। इस स्थान पर नर्मदा और कावेरी नदी का संगम होता है। यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य देखने लायक है। अधिकांश लोग यहाँ नहाने के लिए आते है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ)
खंडवा जिला (मध्यप्रदेश)
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