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नीलगिरि पर्वत

नीलगिरि पर्वत – सम्पूर्ण जानकारी | Nilgiri Parvat

Posted on January 15, 2023
Table of contents
  1. नीलगिरि पर्वत | Nilgiri Parvat
  2. नीलगिरि पर्वत की ऊँचाई | Nilgiri Parvat ki Uchai
  3. नीलगिरि पर्वत की सबसे ऊँची चोटी | Nilgiri Parvat ki Sabse Uchi Choti
  4. नीलगिरि पर्वत का रहस्य | Nilgiri Parvat ka Rahasya
  5. नीलगिरि माउंटेन रेलवे | Niligiri Mountain Railway
  6. नीलगिरि टॉय ट्रेन | Nilgiri Toy Train
  7. नीलगिरि पर्वत श्रेणी में घूमने लायक जगह | Nilgiri me Ghumne ki Jagah
    1. सरकारी वनस्पति उद्यान
    2. रोज गार्डन | Rose Garden
    3. ऊटी झील | Ooty Jhil
    4. चिल्ड्रेन पार्क | Children Park
    5. केट्टी वेली व्यू
    6. मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य
    7. लेडी केन्निंग सीट
  8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नीलगिरि पर्वत | Nilgiri Parvat

भारत देश में विभिन्न विविधताओं में भौगोलिक विविधता भी शामिल है, जो इसे सौन्दर्यपूर्ण बनाती है। इसी भौगोलिक सुन्दरता का एक भाग नीलगिरि पर्वत है। नीलगिरि मात्र कोई एक पर्वत नहीं है, बल्कि पर्वतों की एक श्रेणी है। यह भारत देश के दक्षिणी भाग में स्थित है। नीलगिरि पर्वत श्रेणी पश्चिमी घाट का भाग है। इस श्रेणी में कई प्रमुख पर्वतीय स्थल मौजूद है, जो इसे एक उपयुक्त पर्यटन केंद्र बनाते है।

नीलगिरि पर्वतमाला कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु राज्यों में फैली हुई है।

तमिल शब्द नीलम तथा गिरि से नीलगिरि शब्द की उत्पत्ति हुई है, जहाँ ‘नीलम’ का अर्थ नीला तथा ‘गिरि’ का अर्थ पर्वत है। माना जाता है कि 1117 ईसवी में यह नाम प्रतिपादित किया गया था। नीलगिरि पर्वतों का उल्लेख तमिल साहित्य में भी किया गया है, जहाँ इसे ईरानीमुत्तम के रूप में उल्लिखित किया गया है। ऐसा माना जाता है, कि इसके नाम का संबंध यहाँ उगने वाले कुरिंजी के फूलों से है।

नीलगिरि के इतिहास की बात करें, तो यह 11वीं तथा 12वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है।  शिलप्‍पदिकारम में इसका सबसे पहला उल्लेख मिलता है। जिन-जिन शासकों ने दक्षिण भारत पर शासन किया, उन सभी शासक वंशों का नीलगिरि श्रेणियां एक अहम हिस्सा रहीं।

नीलगिरि पर्वत की ऊँचाई | Nilgiri Parvat ki Uchai

Nilgiri Parvat श्रेणी में चोटियों की संख्या 24 है तथा यहाँ के पर्वतों की औसत ऊँचाई 2000 मीटर (6,600 फीट) से ज्यादा है। भू–वैज्ञानिकों के अनुसार नीलगिरि भ्रंश पर्वत है, जिसकी सेनोज़ोइक अवधि 80 से 100 मिलियन वर्ष है।

नीलगिरि पर्वत की सबसे ऊँची चोटी | Nilgiri Parvat ki Sabse Uchi Choti

हिमालय पर्वतमाला की तुलना में नीलगिरि श्रेणी की औसत ऊँचाई ज्यादा नहीं है। यहाँ की सबसे ऊँची चोटी का नाम डोड्डाबेट्टा है, जिसकी ऊँचाई 2,637 मीटर (8,652 फीट) है।

नीलगिरि पर्वत का रहस्य | Nilgiri Parvat ka Rahasya

यहाँ मुन्नार नामक स्थान पर नीलकुरिंजी नामक फूल खिलते है। इन फूलों का रंग नीला होता है। जब ये फूल खिलते है, तो पहाड़ियों का रंग भी नीला हो जाता है, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को बहुत भाता है। इसी कारण इसे नीलगिरि नाम दिया गया है। इसे ब्लू माउंटेन भी बुलाया जाता है।

नीलगिरि माउंटेन रेलवे | Niligiri Mountain Railway

नीलगिरि माउंटेन रेलवे तमिलनाडु राज्य की एक रेल प्रणाली है। इसे ब्रिटिश राज के दौरान वर्ष 1908 में बनाया गया था। मद्रास रेलवे द्वारा इसका शुरुआती संचालन किया गया था। आज भी भाप इंजनों के द्वारा इस रेलवे का परिचालन किया जाता है। वर्ष 2005 में इस रेलवे ने एक विशेष उपलब्धि हासिल की, जब इसे यूनेस्को द्वारा दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के विस्तार के रूप में  विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी गयी। संयुक्त रूप से इसे भारतीय पर्वतीय रेलवे के रूप में जाना जाता है।

इस रेलवे लाईन की कुल लंबाई 46 किलोमीटर है,  जिसमें 13 स्टेशन शामिल हैं।

नीलगिरि टॉय ट्रेन | Nilgiri Toy Train

टॉय ट्रेन नीलगिरि माउंटेन रेलवे का एक प्रमुख हिस्सा है। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस ट्रेन की सवारी के बगैर नीलगिरि की ट्रिप अधूरी मानी जाती है।

नीलगिरि माउंटेन रेलवे का रूट पहाड़ी क्षेत्रों के बीच से होता हुआ जाता है। इस दौरान यह कई हिल स्टेशनों व जंगलों से होता हुआ गुजरता है। इस सफ़र के दौरान पर्यटकों को कई स्थानीय लोग व उनके घर भी देखने को मिलते है।

 शाहरुख खान पर फिल्माया गया मशहूर गाना छैयां-छैयां, इसी रेलवे लाईन पर, रेल की छत पर फिल्माया गया था।

नीलगिरि पर्वत श्रेणी में घूमने लायक जगह | Nilgiri me Ghumne ki Jagah

नीलगिरि पर्वत श्रेणी में कई हिल स्टेशन व देखने लायक जगहें मौजूद है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित है:-

सरकारी वनस्पति उद्यान

यह उद्यान राजभवन के निकट एक संकरी घाटी में स्थित है। यह करीब 22 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसका डिजाईन 1857-67 के दौरान बनाया गया था। यहाँ पेड़–पौधों की विभिन्न प्रजातियाँ मौजूद है। यह आकर्षक स्थान लोगों को बहुत पसंद आता है।

रोज गार्डन | Rose Garden

ऊटी रेलवे स्टेशन से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर विजयनगर में यह रोज गार्डन स्थित है। करीब 4 हेक्टेयर में फैला हुआ यह गार्डन भारत में गुलाब का सबसे बड़ा संग्रह है। यहाँ करीब 2150 गुलाब के फूलों की प्रजातियाँ हैं।

ऊटी झील | Ooty Jhil

इस झील का इतिहास ऊटी के समकालीन है। इसका निर्माण 1823-1825 के दौरान हुआ था। इसकी सुन्दरता इसे प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाती है। यहाँ बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिसके लिए पैडल बोट, मोटर बोट व रो बोट मिल जाती हैं। इसके पास ही घुड़सवारी का भी प्रबंध है।

चिल्ड्रेन पार्क | Children Park

यह पार्क ऊटी झील के किनारे बना हुआ है। यहाँ का हरा–भरा वातावरण व फूलों की सुन्दरता बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी आकर्षित करती है। यहाँ से झील, बोटिंग, सेंट चर्च व घुड़दौड़ का नजारा,  इसके आकर्षण को और बढ़ा देता है।

केट्टी वेली व्यू

केट्टी वेली व्यू  कूनूर जाने वाले रास्ते पर स्थित है। केट्टी वेली व्यू विश्व की सबसे बड़ी घाटियों में दूसरे स्थान पर है। यह छोटे-छोट गांवों के समूह वाला शांत स्थान है जो कोयंबटूर के मैदानों तथा मैसूर के पठार तक फैला हुआ है।

मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य

दक्षिण भारत का यह वन्यजीव अभयारण्य केरल व कर्नाटक की सीमा पर स्थित है। यह करीब 321 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस उद्यान से ऊटी और मैसूर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है। बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान भी इसके निकट है। मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य में जानवरों व पक्षियों की कई प्रमुख प्रजातियाँ मौजूद है। यहाँ आने के लिए फरवरी से जून का समय अच्छा रहता है।

लेडी केन्निंग सीट

कूनूर बस स्टैंड से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लेडी केन्निंग सीट नीलगिरि के सबसे मनमोहक व आकर्षक स्थानों में से एक है। लेडी केन्निंग, जो कि वायसराय केन्निंग की पत्नी थीं, उन्हें यह स्थान बहुत प्रिय था, इसलिए इस स्थान को उन्हीं के नाम से जाना जाता है। यहाँ से चाय के बागानों व नीलगिरि की पहाड़ियों का सुंदर नजारा देखने को मिलता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नीलगिरि पर्वत कहाँ स्थित है?

दक्षिणी भारत में पश्चिमी घाट की तरफ नीलगिरि पर्वत श्रेणी स्थित है।

दक्षिण के पहाड़ों की रानी किसे कहते है?

ऊटी को।

Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Gmail Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।

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