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नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान – संपूर्ण जानकारी | Nanda Devi Rashtriya Udyan

Posted on January 22, 2023
Table of contents
  1. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है ? | Nanda Devi National Park kahan hai
  2. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
  3. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी
  4. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान के वन्यजीव  
  5. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति  
  6. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान कब जाना चाहिए?
  7. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुँचे?
    1. वायु मार्ग:-
    2. रेलमार्ग:-  
    3. सड़क मार्ग:-
  8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है ? | Nanda Devi National Park kahan hai

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान फूलों की घाटी कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह उत्तराखण्ड के चमोली जिले में Nanda Devi की चोटी के आस-पास का क्षेत्र है।

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना

बात करें नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की, तो वर्ष 1982 में जैव विविधता को संजोए रखने के लिए तथा प्रकृति व वन्यजीव का संरक्षण करने के लिए Nanda Devi National Park की स्थापना की गई थी।

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास भी बहुत रोमांचक एवं लंबा रहा है। 1883 में सबसे पहले डब्ल्यू.डब्ल्यू. गार्डन यहाँ एक अन्वेषक के रूप में आए थे। लेकिन उनके साथ एक अफसोस की यह बात रही, कि वो ज्यादा आगे तक बढ़ नहीं पाए थे, क्योंकि नदियों के कारण उनका रास्ता बहुत दुर्गम हो चुका था।

यह क्षेत्र हिमालयी क्षेत्रों में सबसे दुर्गम तथा कम देखे जाने वाले स्थानों  में से एक था। वर्ष 1934 तथा उसके बाद के वर्षों में कई अन्वेषक इस क्षेत्र में अन्वेषण के लिए आए। तिलमन तथा एन.ई. ओडेल भी उन अन्वेषकों में से एक थे, जो 1936 में यहाँ अन्वेषण के लिए आए थे। ओडेल ने इस क्षेत्र का विकास करने का प्रयास किया तथा उनकी देखा–देखी में अन्य लोग भी इस कार्य में जुट गए। वर्ष 1939 में यह क्षेत्र खेल अभयारण्य का रूप ले चुका था।

आगे चलकर भारतीय सरकार ने इसे नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की विशेषता व यहाँ की जैव विविधता को देखते हुए UNESCO द्वारा वर्ष 1988 में इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी। भारत सरकार द्वारा इस उद्यान को बायोस्फीयर घोषित किया गया था।

इस उद्यान की बढ़ती प्रसिद्धि तथा लोकप्रियता के कारण यहाँ कई अभियान संचालित किए गए, जिसके परिणाम स्वरूप यहाँ के प्राचीन क्षेत्रों व प्रकृति को क्षति पहुंची। इस क्षति को रोकने के उद्देश्य से 1984 में इस उद्यान को बंद कर दिया गया था। वर्ष 2013 में दोबारा इस उद्यान को खोला गया, लेकिन इससे जुड़े नियमों को पहले से कड़ा कर दिया गया।

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का नन्दा देवी पर्वत चोटी के आस-पास का क्षेत्र है। Nanda Devi चोटी भारत की दूसरी सबसे बड़ी चोटी है और इसके कारण ही इस उद्यान का नाम भी Nanda Devi रखा गया। पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर Nanda Devi National Park चारों ओर से पर्वतों से घिरा हुआ है। लता गांव से इस उद्यान में प्रवेश होता है। लता गांव जोशीमठ से 23 किलोमीटर की दूरी पर है।

यह उद्यान करीब 630 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। Nanda Devi National Park वन्यजीवों व प्राकृतिक सौन्दर्य को संजोए हुए एक अनोखा एवं आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है।

Nanda Devi पर्वत की चोटी 7,817 मीटर ऊँची है। नंदादेवी चोटी के अलावा दूनागिरि (7066 मीटर), त्रिशूली एक (7120 मीटर) , चांगाबांग (6864 मीटर), सुनंदा देवी (7434 मीटर) आदि प्रमुख चोटियाँ भी इस राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आती है।

इस उद्यान से अलकनंदा की कई सहायक नदियां प्रवाहित होती है, जिनमें धौली गंगा, ऋषि गंगा, खीरो गंगा शामिल हैं। ये सहायक नदियाँ इस उद्यान की सुन्दरता को और बढ़ाती है।

[Kaziranga National Park in Hindi]

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान के वन्यजीव  

Nanda Devi National Park में जैव विविधता है। यहाँ तितलियों, मकड़ियों व जानवरों की कई प्रजातियाँ पाई जाती है।

यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख वन्यजीवों में काला भालू, गोरल, तेंदुए, नीली भेड़, बड़ी पहाड़ी बकरी, हिमालयी कस्तूरी मृग तथा लंगूर आदि शामिल है। यहाँ पाए जाने वाले कुछ प्रमुख पक्षी इस प्रकार है:- तोते, मोर, सारस, पिपिट, गुलाबी पंखों वाले बगुले, गिद्ध, बटेर, ग्रीन कबूतर, मैना , कठफोड़वा, रोज फिंच, होर्नबिल, कोयल आदि।

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति  

इस राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रजातियों की वनस्पति व पेड़ पाए जाते हैं। यहाँ पाए जाने वाले कुछ प्रमुख पेड़ इस प्रकार है:- देवदार, जंगली शहतूत  , संटी, जंगली बेर, शीशम आदि।

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान कब जाना चाहिए?

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान पूरे वर्ष घूमने के लिए खुला नहीं रहता है। घूमने के लिए Nanda Devi National Park साल में केवल छ: महीनों  के लिए खुला रहता है, जो कि मई से अक्टूबर तक समय है। अन्य छ: महीनों के लिये इसे इसलिए बंद रखा जाता है, क्योंकि उस समय सर्दी ज्यादा होने के कारण यहाँ बर्फ जमी रहती है।

यहाँ आने के लिए सबसे अच्छा समय मध्य जून से मध्य सितंबर तक का माना जाता है। इस समय यहाँ का सौंदर्य पूर्णतः निखर कर सामने आता है तथा इस समय मौसम भी घूमने के लिए अनुकूल रहता है।

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुँचे?

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए तीनों माध्यम उपलब्ध है, यानि यहाँ जाने के लिए आप वायु मार्ग, रेलमार्ग तथा सड़क मार्ग का प्रयोग कर सकते है।

वायु मार्ग:-

Nanda Devi National Park के सबसे निकट का हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो कि देहरादून में है। यहाँ से Nanda Devi National Park की दूरी करीब 295 किलोमीटर है। हवाई अड्डे से कैब या बस की सहायता से राष्ट्रीय उद्यान के लिए जाया जा सकता है। दूसरा विकल्प यह है, कि एयरपोर्ट से बस के माध्यम से जोशीमठ पहुँचा जाए। जोशीमठ से उद्यान के लिए जीप सेवा मौजूद है।

रेलमार्ग:-  

ऋषिकेश रेलवे स्टेशन Nanda Devi National Park का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो उद्यान से करीब 280 किलोमीटर की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी की सहायता से सीधे नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान पहुँचा जा सकता है या बस की सहायता से जोशीमठ पहुँचा जा सकता है। जोशीमठ से जीप की सहायता से Nanda Devi Rashtriya Udyan पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग:-

Nanda Devi National Park पहाड़ी इलाके में है, जिसकी वजह से यहाँ पहुंचने के लिए दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ता है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से बस या निजी वाहन की सहायता से जोशीमठ पहुँचा जा सकता है। जोशीमठ से लता गांव तक मोटर वाहनों के लायक रास्ता है। जोशीमठ से बस या साझा जीप द्वारा लता गांव पहुंचा जा सकता है। लता गांव से Nanda Devi National Park में प्रवेश होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में है?

उत्तराखण्ड।

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई थी?

1982

Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Gmail Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।

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