नैनीताल उत्तराखंड के दक्षिणी भाग के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। यह अपने मंत्रमुग्ध कर देने वाले परिदृश्यों, अदभुत बगीचों और खूबसूरत फूलों की घाटियों के कारण पर्यटकों के लिए स्वर्ग जैसा है।
नैनीताल “लेक सिटी आफ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है, आप दक्षिणी क्षेत्र के कुछ मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ हिमालय के पहाड़ों की सुंदरता को भी देख सकते है। इस हिल स्टेशन में हर आयु वर्ग के लिए कोई ना कोई जगह है। छोटे बच्चों के लिए यहां जूलॉजिकल पार्क है। इस शहर में इतिहास प्रेमियों के लिए पुराने स्मारक और सुंदर वास्तुकला का और प्रकृति प्रेमियों के लिए मनमोहक झरने और झीलों का भरमार है।
वृद्ध लोगों के लिए कई पवित्र और आध्यात्मिक स्थान भी है। संक्षेप में, इस शहर में सभी के लिए कुछ न कुछ है। यदि आप नवंबर या दिसंबर के महीने में यहां आते हैं तो आपको बर्फबारी देखने का सौभाग्य भी प्राप्त हो सकता है।
नैनीताल में घूमने की जगह (Nainital me Ghumne ki Jagah)
नैनीताल (नैनी) झील
यह झील उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इसी झील के कारण ही इस शहर का नाम नैनीताल पड़ा। यहां का पानी इतना साफ है कि आप इसमें कई मछलियां देख सकते है।
झील सात पहाड़ियों से घिरी हुई है, जिनमें से देवपाटा सबसे ऊंचा है। यह झील 28 मीटर गहरी है और इसकी परिधि 2 मील है। इस झील के उत्तरी भाग को मल्लीताल और दक्षिणी भाग को तल्लीताल कहा जाता है। मॉल रोड कुछ ही कदम दूर है, इसलिए आगंतुकों को झील का आनंद लेने के साथ-साथ खरीदारी करने का भी मौका मिलता है।
अधिकांश होटल भी इस झील के आस-पास ही स्थित है।
आस-पास करने के लिए गतिविधियाँ: यह झील पर्यटकों के लिए नौकायन, कयाकिंग और नौका विहार जैसी गतिविधियाँ प्रदान करती है। आप अपनी पसंद के अनुसार शिकारा बोट या पैडल बोट की सवारी कर सकते है। मात्र 250 रुपए में आप 30 मिनट तक बोट की सवारी कर सकते है। इन गतिविधियों का समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक है।
कैसे पहुंचा जाये: चूंकि यह झील शहर के बिल्कुल मध्य में स्थित है, इसलिए यहां पहुंचना बहुत सुविधाजनक है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो सिर्फ 35 किलोमीटर दूर है और यहां तक बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। पंतनगर एयरपोर्ट भी यहां से महज 55 किलोमीटर की दूरी पर है।
नैना देवी मंदिर
यह पवित्र स्थान नैनीताल झील के उत्तरी छोर पर स्थित है। यह मंदिर सती माता के दुर्गा रूप को समर्पित है। चूंकि नैन का अर्थ होता है आंखें, इस मंदिर की देवी को दो बड़ी आंखों द्वारा दर्शाया गया है।
ऐसा माना जाता है कि जब माता सती के शरीर के अंग यहां वहां गिर गए थे , तब उनके नेत्र इसी स्थान पर गिरे थे। इसी कारण शिवजी इस स्थान पर पधारे थे। यही कारण है कि यहां इस मंदिर की स्थापना हुई है।
ऐसे कुल 51 शक्तिपीठ है जहां पर माता पार्वती के अंग गिरे थे। माता पार्वती की पूजा यहां नैना देवी के रूप में की जाती। यह मंदिर 1880 के भूस्खलन के दौरान पूरी तरह से नष्ट हो गया था लेकिन 1883 में स्थानीय लोगों द्वारा इसका पुनर्निर्माण किया गया था।
इस मंदिर का मेला: नंदा अष्टमी के दौरान 8 दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान दूर-दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं । देवी नैना देवी के विसर्जन की रस्म के साथ सभी कार्य समाप्त होते है।
टिफिन टॉप (डोरोथी की सीट)
टिफिन टॉप अयारपट्टा की पहाड़ियों पर स्थित है। इस जगह से पूरा नैनीताल शहर दिखाई देता है। अगर आप बर्फबारी के बाद यहां आएं तो नज़ारा और भी अच्छा लगता है। यहां तक पहुंचने का रास्ता जंगल से ढका हुआ है और बहुत थका देने वाला है परंतु ऐसा मनमोहक दृश्य देखकर आप अपना दर्द भूल जाएंगे।
इसे टिफिन टॉप का नाम इसलिए दिया गया क्योंकि लोग इसी जगह पर टिफिन लाकर खाया करते थे। यह काफी दिलचस्प ट्रेक हो सकता है लेकिन अगर आप ऐसा नहीं चाहते है तो इसके बजाय आप “टट्टू की सवारी” (पोनी राइड) कर के भी ऊपर तक पहुंच सकते है। यह लगभग 3 किलोमीटर लंबा रास्ता है जिसे पूरा करने में लगभग एक घंटा लगता है।
पर्यावरण गुफा उद्यान (इको केव गार्डन)
यह नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र, सुखाताल में स्थित एक उद्यान है।
इसमें बगीचों के साथ-साथ विभिन्न आकारों की कई परस्पर जुड़ी प्राकृतिक गुफाएँ हैं। अलग-अलग जानवरों के आकार में कुल 6 गुफाएँ हैं जैसे टाइगर केव, पैंथर केव, एप्स केव, बैट केव और फ्लाइंग फॉक्स केव। गुफाएं अंधेरी हैं और आपको कभी-कभी रेंगना पड़ सकता है इसलिए बड़े-बूढ़ों को अपने साथ लेकर न आए।
अगर आप यहां शाम के समय आते है तो आकर्षक रंगों वाले म्यूजिकल फाउंटेन का भी लुत्फ उठा सकते हैं। बच्चे मैकेनिकल बैल और जिप लाइन साइकिल जैसी मजेदार गतिविधियों का आनंद ले सकते है।
आने का समय और प्रवेश टिकट: यह गार्डन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है, प्रवेश टिकट की कीमत 100 रुपये है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
नैनीताल आकर अगर आप भारत के सबसे पुराने नेशनल पार्क नहीं गए तो मानिए आपका पूरा सफर अधूरा रह गया। आप हिरणों, हाथियों, बाघों, तेंदुओं, पक्षियों की एक विशाल विविधता और कई अन्य जानवरों को देखेंगे लेकिन यह स्थान विशेष रूप से बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है।
5 घंटे की सफारी के लिए प्रति जीप 5000 रुपये का खर्च आता है। अधिक जानवरों को देखने के लिए सुबह की सफारी बुक करना बेहतर होता है।
इस जगह के पास एक ऑफबीट वॉटरफॉल भी है जो कई बार पर्यटकों की नजरों में नहीं आ पाता है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो इस वाटरफॉल को देखना ना भूलें।
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