मंदसौर कहाँ है?
मंदसौर भारत देश का शहर है, जो कि मध्यप्रदेश राज्य के मंदसौर जिले में स्थित है। यह शहर मंदसौर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है।
2011 की मतगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 1,41,667 है तथा साक्षरता लगभग 71.64 प्रतिशत है। यहाँ मुख्य रूप से हिन्दी तथा मेवाड़ी भाषा बोली जाती है, जिसमें मालवा का भी थोड़ा मिश्रण रहता है।
मंदसौर का इतिहास (Mandsaur ka Itihas)
कहा जाता है, कि मंदसौर शहर का प्राचीन नाम दशपुर था। महाभारत काल के समय में यहाँ जयवर्मा, सिंहवर्मा, नरवर्मा , विश्ववर्मा व बंधुवर्मा ने शासन किया था। कालांतर में यहाँ कई शासकों ने शासन किया।
1401 में जब दिलावर खान ने खुद को मालवा का सुल्तान घोषित किया, तो Mandsaur शहर का क्षेत्र भी उसके आधिपत्य में आ गया था। दिलावर खान के बाद उसके पुत्र होशंग शाह द्वारा इस क्षेत्र पर शासन किया गया था।
ब्रिटिश काल के दौरान 1818 में हुई एक संधि द्वारा Mandsaur पर अंग्रेजों का शासन हो गया। उस समय मंदसौर अफीम के लिए प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों में से एक था।
भारत को स्वतंत्रता मिलने से पूर्व Mandsaur ग्वालियर रियासत का एक भाग था।
मंदसौर का मेला (Mandsaur ka Mela)
मंदसौर में एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे पशुपतिनाथ मेले के नाम से भी जाना जाता है। यह मेला पशुपतिनाथ मंदिर के पास शिवना नदी के तट पर तीन दिनों के लिए अयोजित किया जाता है।
यह मेला कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में लगता है। इस अवसर के दौरान भगवान शिव की आराधना की जाती है।
मेले में कई प्रकार के छोटे-बड़े झूले लगाए जाते है तथा मनोरंजन से जुड़ी कई स्टॉल लगाई जाती है। मेले में स्वादिष्ट व्यंजनों की भी स्टॉल लगाई जाती है। तीनों दिन मेले में लोगों की भीड़ लगी रहती है।
यह मेला इतना खास होता है, कि इसमें कई क्षेत्रीय व बड़े कलाकार भी शामिल होते है।
मंदसौर का किला (Mandsaur ka Kila)
यह किला मंदसौर जिले के Mandsaur शहर में स्थित है। यह मंदसौर जिले में स्थित एक प्राचीन पर्यटक स्थल है। कहा जाता है, कि मांडू के शासक होशंगशाह द्वारा इस किले का निर्माण 15वीं शताब्दी के दौरान कराया गया था।
इस किले की वास्तुकला की बात करें, तो इसमें कुल 12 द्वार है, लेकिन उचित रख-रखाव न होने के कारण ये द्वार काफ़ी क्षतिग्रस्त हो गए है।
यह किला कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। वर्तमान समय में यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में है।
मंदसौर क्यों प्रसिद्ध है?
मंदसौर शहर कई कारणों से प्रसिद्ध है। इसके प्रसिद्ध होने का पहला कारण यहाँ स्थित पशुपतिनाथ मंदिर है। इस मंदिर से बड़ी संख्या में लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई है।
ऐतिहासिक रूप से यह अफीम के लिए प्रसिद्ध रहा है।
शिवना नदी
शिवना नदी महाराष्ट्र राज्य की एक नदी है। यह गोदावरी नदी की एक सहायक नदी है। यह महाराष्ट्र की अजंता की पहाड़ियों से निकलती है।
अपने अपवाह तंत्र में यह नदी मंदसौर जिले से भी होकर गुजरती है। जब बारिश के मौसम में इसका जल स्तर बढ़ जाता है, तो इसका जल पशुपतिनाथ भगवान की प्रतिमा को स्पर्श करता है।
इस नदी पर अम्बादी बांध तथा शिवना तकली बांध निर्मित है।
मंदसौर – रावण की पूजा
मंदसौर एक ऐसा स्थान है, जहाँ दशहरे के दिन रावण को जलाया नहीं जाता है।
माना जाता है, कि रावण की पत्नी मंदोदरी मंदसौर की ही पुत्री थी, इसलिए Mandsaur के लोग रावण को दामाद के रूप में मानते हैं। यहाँ रावण की बड़ी प्रतिमा भी स्थित है, जिसका हर वर्ष दशहरे के समय रंग-रोगन किया जाता है।
दशहरे के दिन यहाँ के लोगों द्वारा रावण की पूजा की जाती है। रावण को अपना दामाद मानने के कारण यहाँ की महिलायें रावण की मूर्ति के आगे से निकलते वक्त पर्दा करती है।
मंदसौर कैसे पहुँचे?
मंदसौर जाने के लिए तीनों माध्यम, यानि रेल मार्ग, सड़क मार्ग व वायु मार्ग उपलब्ध है।
वायु मार्ग
मंदसौर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा, उदयपुर का हवाई अड्डा है। उदयपुर के हवाई अड्डे से मंदसौर के बीच की दूरी करीब 168 किलोमीटर है। इस हवाई अड्डे के लिए देश के लगभग सभी हवाई अड्डों से फ्लाइट मिल जाती है। हवाई अड्डे से बस तथा टैक्सी का प्रयोग करके Mandsaur पहुँचा जा सकता है। एक अन्य विकल्प के तौर पर इंदौर एयरपोर्ट से भी मंदसौर पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग
रेलमार्ग द्वारा मंदसौर आसानी से पहुँचा जा सकता है। इसके लिए आपको Mandsaur Railway Station आना होगा। मंदसौर रेलवे स्टेशन आने के लिए दिल्ली, मुंबई, अजमेर, उदयपुर, जयपुर, भोपाल, कोलकाता व उज्जैन आदि शहरों से सीधी ट्रेन मिल जाती है।
सड़क मार्ग
मंदसौरअपने आस-पास के क्षेत्रों से अच्छी तरह से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। मंदसौर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से भी जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों से Mandsaur के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है। यहाँ निजी वाहन के द्वारा भी आया जा सकता है।
मंदसौर में घूमने की जगहे
पशुपतिनाथ मंदिर
यह मंदिर न सिर्फ़ Mandsaur, बल्कि पूरे भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह विशेष मंदिर शिवना नदी के किनारे पर स्थित है। यह शिव जी को समर्पित मंदिर है जहाँ एक विशाल शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर की एक खासियत यह है, कि यहाँ शिवजी की अष्टधातु से निर्मित अष्टमुखी मूर्ति स्थापित है।
श्री वही पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर
यह मंदिर जैन धर्म से जुड़ा हुआ प्रमुख तीर्थ स्थान है। यह Mandsaur शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। एक पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि इसका निर्माण करीब 900 वर्ष पूर्व हुआ था।
यह स्थान शांतिपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराता है। यहाँ पास ही एक तालाब है, जिसमें कमल के फूल हैं। यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य लोगों को बहुत भाता है।
गांधी सागर बांध
यह विशाल बांध चंबल नदी पर बना हुआ है। यह Mandsaur शहर से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ नजारा बहुत सुंदर है तथा परिवेश प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है। यहाँ कई लोग पिकनिक के लिए आते है। वर्ष 1954 में इस बांध की नींव रखी गयी थी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
दशपुर
मध्यप्रदेश
Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Email Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।