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लाला लाजपत राय जयंती

लाला लाजपत राय जयंती | Lala Lajpat Rai Jayanti

Posted on January 1, 2023
Table of contents
  1. लाला लाजपत राय | Lala Lajpat Rai
  2. लाला लाजपत राय का जीवन परिचय
  3. लाला लाजपत राय जी का परिवार
  4. लाला लाजपत राय जी का राजनैतिक सफ़र
  5. लाला लाजपत राय के राजनैतिक विचार
  6. लाला लाजपत राय का योगदान
  7. लाला लाजपत राय की मृत्यु कैसे हुई थी?
  8. लाला लाजपत राय की जयंती कब और क्यों मनायी जाती है?
  9. लाला लाजपत राय का नारा

लाला लाजपत राय | Lala Lajpat Rai

भारत देश को औपनिवेशिक शासन से काफ़ी ज्यादा प्रयासों के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। इस स्वतंत्रता के लिए देश के वीर-वीरांगनाओं ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। इन्हीं में से एक थे लाला लाजपत राय। लाला लाजपत राय जी को भारत की स्वतंत्रता के प्रमुख क्रांतिकारियों में शामिल किया जाता है।

लाला लाजपत राय का जीवन परिचय

वर्ष 1865 में 28 जनवरी को धुड़िके गांव, पंजाब में एक हिंदू परिवार में लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था। लालाजी के पिताजी का नाम मुंशी राधा किशन अग्रवाल था और वह फ़ारसी और उर्दू के सरकारी शिक्षक थे। गुलाब देवी अग्रवाल लालाजी की माताजी का नाम था और वह एक धार्मिक महिला थीं।

लाला लाजपत राय के जन्म के 5 साल बाद वर्ष 1870 के अंत में उनका परिवार रेवाड़ी चला गया। लाला लाजपत राय की प्रारंभिक शिक्षा यहीं एक सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई। इस विद्यालय में उनके पिताजी भी उर्दू के शिक्षक के रूप में कार्यरत थे।

Lala Lajpat Rai के शुरुआती जीवन के दौरान ही उनके माता-पिता ने उनके उदारवादी विचार, नैतिक मूल्य तथा हिंदू धर्म में मान्यताओं को आकार दिया था।

लाला लाजपत राय के पिता की इच्छा थी कि उनका बेटा वकील बने, क्योंकि उस समय वकील बनना एक बेहतर करियर विकल्प था। पिताजी की इच्छानुसार लालाजी ने वर्ष 1880 में एक सरकारी कॉलेज में प्रवेश लिया, जो कि लाहौर में था। यहां उनकी मुलाकात भावी स्वतंत्रता सेनानी पंडित गुरुदत्त तथा हंसराज से हुई।

लाहौर में जब वे कानून की पढ़ाई कर रहे थे, तो उस दौरान वे हिंदू सुधारवादी स्वामी दयानंद सरस्वती से बहुत प्रभावित हुए,  इसलिए लालाजी आर्य समाज में शामिल हो गए तथा आर्य गजट के संस्थापक व संपादक बन गए।

1884 में रोहतक में उनके पिता का तबादला हो गया, लाला लाजपत राय भी कानून की पढ़ाई पूरी करके अपने पिताजी के साथ रोहतक आ गए। दो वर्ष पश्चात, लालाजी कानून का अभ्यास करने के लिए वर्ष 1886 में हिसार चले गए।

लाला लाजपत राय जी का परिवार

Lala Lajpat Rai के परिवार के सदस्यों में उनके माता-पिता के अलावा उनकी पत्नी व बच्चे शामिल हैं। उनकी पत्नी का नाम राधा देवी अग्रवाल था। उनके तीन बच्चे थे, जिनमें से दो लड़के व एक लड़की थी। लाला लाजपत राय के भाई का नाम लाला धनपत राय था।

लाला लाजपत राय जी का राजनैतिक सफ़र

Lala Lajpat Rai शुरुआत से ही अपने देश के लिए कुछ करना चाहते थे। इसके लिए उन्होनें हिसार में वर्ष 1886 में भारतीय कांग्रेस की एक शाखा स्थापित की। धीरे-धीरे लाला लाजपत राय कांग्रेस की बैठकों में शामिल होने लगे।

1892 में लाला लाजपत राय वकालत के लिए लाहौर चले गए। अपने विचारों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए वे पत्रकारिता से जुड़ गए और द ट्रिब्यून आदि समाचार पत्रों के लिए लेख लिखने लगे। वर्ष 1914 से लाला लाजपत राय जी ने वकालत के कामों को छोड़ दिया और पूरी तरह भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिये खुद को समर्पित कर दिया।

लाला लाजपत राय 1914 में ब्रिटेन गए तथा 1917 में वे अमेरिका भी गए। लाला लाजपत राय ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को स्वतंत्रता दिलाने का भरकस प्रयास किया। अमेरिका में लाला लाजपत राय 2 वर्ष तक रहे।

1919 में लाला लाजपत राय वापस भारत आ गए और स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भगीदारी निभाने लगे। 1920 के अधिवेशन में लाला लाजपत राय को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 1928 में जब भारत में साईमन कमीशन आया, तो लाला लाजपत राय द्वारा इसका विरोध किया गया। इस दौरान वे विरोध का नेतृत्व कर रहे थे।

लाला लाजपत राय के राजनैतिक विचार

  • लोगों के मन में सच्ची राजनीति का विकास करना ही राजनीति की सीढ़ी का पहला चरण है। राजनीति में लोगों के भीतर स्वतंत्रता, राष्ट्रीयता, एकता व देशभक्ति की भावना जागृत करना शामिल है।
  • सच्ची देशभक्ति का निर्माण न्याय व सत्य की मजबूत शिला पर ही किया जा सकता है।
  • नेता वो होता है, जिसका प्रभावशाली नेतृत्व होता है। नेता निडर व साहसी होता है, जिसके कारण वो अपने अनुयायियों से आगे रहता है।
  • दूसरे व्यक्तियों पर विश्वास ना करते हुए खुद पर यकीन करो। खुद के प्रयत्नों से ही सफलता हासिल की जा सकती है,  क्योंकि राष्ट्र का निर्माण स्वयं के बलबूते पर होता है।

लाला लाजपत राय का योगदान

Lala Lajpat Rai Ji का समाज के लिए योगदान निम्नलिखित है-

  • लाला लाजपत राय ने वर्ष 1886 में लाहौर में गांधी जी की दयानंद एंग्लो–वैदिक विद्यालय की स्थापना करने में सहायता की।
  • लाला लाजपत राय जी ने अपने जीवन में प्रमुख संगठनों की स्थापना की, जैसे :- आर्य गजट, आर्य समाज आदि।
  • लाला लाजपत राय जी ने 1934 में मुफ्त इलाज के लिए एक अस्पताल भी खोला था, जिसे गुलाब देवी चेस्ट हॉस्पिटल के रूप में जाना जाता है। यह अस्पताल वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है।
  • बच्चों की शिक्षा के विस्तार के लिए उन्होनें कई विद्यालय भी खुलवाए।
  • लाला लाजपत राय जी ने भारत की पहली बैंक, पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की तथा लक्ष्मी बीमा कंपनी की भी शुरुआत की, जिसका बाद में LIC में विलय हो गया था।
  • लाला लाजपत राय जी ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध का पंजाब में नेतृत्व लालाजी के द्वारा ही किया गया था, जिसके लिए उन्हें शेर–ए–पंजाब की उपाधि से भी नवाजा गया था।

लाला लाजपत राय की मृत्यु कैसे हुई थी?

Lala Lajpat Rai ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी पूर्ण सहभागिता निभाई थी, जिसके लिए उन्होनें अपने प्राणों की आहुति दे दी। 1928 में साईमन कमीशन का जब लाला लाजपत राय जी विरोध कर रहे थे, तो उन पर ब्रिटिश सैनिकों ने लाठी चार्ज किया था। लाठी चार्ज के दौरान लाला लाजपत राय के सिर में लाठी लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

लाला लाजपत राय की जयंती कब और क्यों मनायी जाती है?

28 जनवरी को लाला लाजपत राय जी की जयंती मनायी जाती है, क्योंकि इसी दिन उनका जन्म हुआ था। लाला लाजपत राय जयंती को मनाए जाने का उद्देश्य उनको याद करना व उनके जीवन से सीख लेना है।

लाला लाजपत राय का नारा

  • साईमन कमीशन वापस जाओ।
  • मेरे सिर पर लगी हर एक चोट, ब्रिटिश शासन के कफन का कील बनेगी।

Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Gmail Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।

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