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कोलार डैम

कोलार डैम – भोपाल | Kolar Dam Bhopal

Posted on December 19, 2022
Table of contents
  1. कोलार डैम की जानकारी
  2. कोलार बांध का महत्व
  3. कोलार डैम के गेट | Kolar Dam Gate
  4. Kolar Dam Beauty | कोलार डैम की सुंदरता
  5. Kolar Dam Water Level | कोलार डैम का जलस्तर
  6. कोलार डैम कैसे पहुंचे | How to Reach Kolar Dam
  7. ‌ कोलार डैम से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कोलार डैम की जानकारी

मध्यप्रदेश के भोपाल शहर  के पास सीहोर जिले के लांबा खेड़ी गांव में कोलार परियोजना स्थित है। कोलार परियोजना की शुरूआत वर्ष 1978- 79 में की गई थी। इस परियोजना को नर्मदा नदी  की सहायक कोलार नदी पर बनाया गया है। कोलार नदी का उद्गम स्थल सीहोर जिले के बिलकिसगंज के पास विंध्याचल की पहाड़ियों में है।

कोलार नदी नर्मदा नदी के दाहिने किनारे की सहायक नदी है। यह नदी अपने उद्गम स्थान के बाद दक्षिण पश्चिम की दिशा की ओर बहती है। यह नदी रायसेन जिले के नसरुल्लागंज के पास नर्मदा नदी में मिल जाती है। इसका जल निकासी क्षेत्र 1347 वर्ग किलोमीटर है।

कोलार नदी के मार्ग में कोई औद्योगिक इकाई नहीं होने के कारण इसका पानी अत्यंत ही शुद्ध है। कोलार बांध को वीरपुर बांध के नाम से भी जाना जाता है। कोलार बांध की ऊंचाई 148 फीट और लंबाई 1940 फीट है।

कोलार बांध का महत्व

किसी भी नदी के जल के प्रवाह को रोकने के लिए बांध बनाया जाता है। इस बांध को कई प्रयोजन के लिए काम में लिया जा सकता है।

बांध छोटे या बड़े भी हो सकते हैं। बड़े-बड़े बांधों को बनाना थोड़ा कठिन होता है उसमें अत्यधिक समय भी लग सकता है, इसलिए कई बार छोटे बांध भी बनाए जाते है। बांधों को बनाने के लिए सामान्यतः मिट्टी ,कंक्रीट, चट्टान आदी का प्रयोग किया जाता है। हमें सिंचाई के लिए, पीने के पानी के लिए, बिजली बनाने के लिए, या फिर दोबारा उपयोग में लाने के लिए, जल के भंडारण करने के लिए, इन सभी कार्यों के लिए बांध की आवश्यकता होती है इसलिए बांध बनाए जाते हैं।

इस संचित किए गए जल से बिजली का निर्माण भी किया जा सकता है। घरों में अथवा उद्योगों में जल की आपूर्ति की जा सकती है। सिंचाई के लिए यह जल उपयोग में लिया जा सकता है। अथवा मत्स्य पालन के लिए भी यह जल स्रोत का उपयोग किया जा सकता है।

इस प्रकार बांधों को बनाने के बाद जो जल स्रोत अथवा जलाशय या कृत्रिम जलाशय होते हैं वह बहुत ही उपयोगी होते है। बांधों से बाढ़ को भी नियंत्रित किया जा सकता है। कोलार बांध का पानी कोलार जल उपचार संयंत्र के लिए स्रोत है इस संयंत्र का प्रबंधन मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है।

यहां से भोपाल शहर की कुल 60% आबादी को जलापूर्ति की जाती है यह संयंत्र सबसे बड़ा और अच्छा संयत्र है। यह एक बहुत ही सुंदर स्थान है यहां चारों तरफ बहुत हरियाली है। कोलार बांध आने के रास्ते में बहुत हरा भरा जंगल है। कोलार डैम भोपाल शहर के लिए एक मुख्य जल स्रोत है ।यह भोपाल शहर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह कोलार डैम चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है और चारों तरफ बहुत ही आकर्षक नजारा देखने को मिलता है।

कोलार डैम के गेट | Kolar Dam Gate

कोलार बांध के कुल आठ गेट है। बारिश के मौसम में जब यह पानी से पूरी तरह भर जाता है तब इसके गेट खोले जाते हैं, तब यहां का दृश्य बहुत ही आकर्षक और देखने योग्य होता है। कोलार बांध परियोजना भोपाल और सीहोर जिले के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि कोलार बांध का पानी यहां सिंचाई के लिए और पीने के पानी के लिए उपयोग में लिया जाता है। कोलार बांध की ऊंचाई 45 मीटर है और इसकी जल संग्रहण करने की क्षमता 265 एमसीएम है।

Kolar Dam Beauty | कोलार डैम की सुंदरता

कोलार डैम की एक और खासियत है कि इस टाइम के बीचो बीच एक खूबसूरत टापू है जो इसकी सुंदरता को और बढ़ा देता है गर्मियों के दिनों में जलस्तर कम हो जाता है तो इस टापू तक पहुंचा जा सकता है लेकिन अन्य दिनों में इस टापू तक नहीं जा सकते हैं यह चारों और से हरे भरे पेड़ पौधों से ढका हुआ है यहां पर आसपास में जंगल है और यहां कभी-कभी जंगली जानवर भी देखें जा सकते है।

Kolar Dam Water Level | कोलार डैम का जलस्तर

कोलार डैम का फुल टैंक जल स्तर 1516 फीट है। अगस्त 2022 में भारी बारिश होने के कारण पहली बार सीजन में कोलार डैम के आठों गेट खोले गए थे।

कोलार डैम कैसे पहुंचे | How to Reach Kolar Dam

भोपाल शहर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर कोलार बांध है। यह बांध सीहोर जिले में स्थित है। कोलार बांध तक जाने के लिए सड़क मार्ग बहुत ही अच्छा बना हुआ है। यहां पर सड़क मार्ग से दोपहिया या चार पहिया वाहन के द्वारा आसानी से जाया जा सकता है।

कोलार बांध तक जाने का सड़क मार्ग बहुत ही सुंदर है। चारों तरफ हरियाली है। बहुत से पर्यटक कोलार बांध की सुंदरता को देखने आते है।

बारिश के मौसम में जब वाटर लेवल फुल हो जाता है, तब बांध के गेट खोल दिए जाते है। उस समय यह नजारा देखने योग्य होता है। बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है क्योंकि यहां पर चारों तरफ हरियाली भी है। यहां पर्यटक अक्सर कोलार बांध को देखने आते हैं, और यहां आकर इसके चारों तरफ की सुंदरता का आनंद लेते है।

पर्यटन विभाग के द्वारा इस स्थल को और भी अधिक लोकप्रिय बनाने का काम चल रहा है। कोलार बांध तक पहुंचने के लिए सबसे पास में भोपाल का एयरपोर्ट है, जिसे राजा भोज एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।

यहां से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद आदि एयरपोर्ट के लिए सीधी फ्लाइट है। भोपाल एयरपोर्ट पहुंचने के बाद कोलार बांध तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से टैक्सी सुविधा की सहायता से पहुंचा जा सकता है।

इसके अलावा रेल मार्ग के द्वारा भी भोपाल तक पहुंचा जा सकता है। अधिकांश शहरों से आने वाली ट्रेनें भोपाल रेलवे स्टेशन पर रूकती है। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद कोलार बांध तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से जाया जा सकता है।

कोलार डैम के अलावा भोपाल में दो और खूबसूरत बांध है। भदभदा बांध और कलियासोत डैम। भदभदा बांध को भी कलियासोत नदी के पानी को रोकने के लिए बनाया गया है। भदभदा बांध को सन 1965 में बनाया गया था इसमें 11 गेट है।

कलियासोत डैम को भी कलियासोत नदी के ऊपर बनाया गया है इसमें कुल 13 गेट है। इसके अलावा भोपाल के पास हलाली डैम और तवा डैम भी है।

‌ कोलार डैम से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कोलार डैम कहां पर स्थित है?

कोलार डैम भोपाल शहर के पास सीहोर जिले में स्थित है। यह डैम नर्मदा नदी की सहायक कोलार नदी पर बनाया गया है।

कोलार डैम में कितने गेट है?

कोलार डैम में आठ गेट है।

कोलार डैम किस जिले में स्थित है?

कोलार डैम भोपाल शहर के पास सीहोर जिले में स्थित है।

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