Skip to content

Kalpanaye

Explore the India's Places with us

Menu
  • About us
  • Contact Us
  • Privacy Policy for Kalpanaye
  • Terms And Conditions
  • Web Stories
Menu
कैंची धाम

कैंची धाम, उत्तराखंड | Kainchi Dham, Nainital Uttarakhand

Posted on November 27, 2022
Table of contents
  1. कैंची धाम की मान्यताएं
  2. कैंची धाम कैसे पहुंचे
  3. अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

कैंची धाम एक तीर्थ स्थान है, जो उत्तराखंड में स्थित है। उत्तराखंड की हरी-भरी पहाड़ियों की तलहटी में सुशोभित है। कैंची धाम एक बहुत ही सुंदर मंदिर है और यहां पर भगवान श्री हनुमान जी का भी सुंदर मंदिर है। कैंची धाम की स्थापना नीम करोली बाबा ने की थी। यह आश्रम 14 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां धाम नैनीताल जिले में भवाली अल्मोड़ा/रानीखेत नेशनल हाईवे के किनारे स्थित है।

यह स्थान हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है। इसकी स्थापना नीम करोली बाबा ने 1962 में की थी। उन्होंने यहां पर एक अन्य साधु महाराज के साथ यज्ञ किया था और कुछ समय पश्चात एक चबूतरे पर हनुमान मंदिर की स्थापना की थी। इस प्रकार इस कैंची आश्रम की स्थापना हुई। नीम करोली बाबा ने 15 जून 1964 को हनुमान जी के मंदिर का उद्घाटन किया था।

देश और दुनिया में नीम करोली बाबा के 108 आश्रम स्थित है। इन धामों में से अमेरिका का टाउस आश्रम भी लोकप्रिय है। यह स्थान नैनीताल से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यहां जाने वाली सड़क पर काफी तीखे मोड़ है, इसलिए इस स्थान का नाम कैची पड़ा है।

गर्मी के मौसम में भी यहां का मौसम सुहाना रहता है, यहां पर बहुत सारे तीर्थयात्री और पर्यटक भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने के लिए आते है। यहां का वातावरण बहुत ही आध्यात्मिक है, भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है। यहां पर मंदिर के पास एक गुफा है, जहां नीम करोली बाबा अपना समय व्यतीत करते थे, पूजा करते थे और अन्य धार्मिक कार्य करते हुए अपना समय व्यतीत करते थे। इस गुफा का भी अपना धार्मिक महत्व है, यहां पर प्रार्थना करने के लिए भी जाया जा सकता है।

नीम करोली बाबा की शिक्षा का अनुसरण करने वालों में स्टीव जॉब्स, जो कि एप्पल के सह संस्थापक और सीईओ और मार्क जुकरबर्ग जो कि फेसबुक के अध्यक्ष भी है इनका नाम भी शामिल है। इन्होंने इस स्थान का दौरा भी किया था जिसके कारण भी इस स्थान की लोकप्रियता और भी बढ़ गई। इसके अलावा यहां पर नीम करोली बाबा की शिक्षाओं का आज भी पालन किया जाता है।

यहां का तापमान सालभर ताजा रहता है इसलिए कैंची धाम की यात्रा करने के लिए पूरे साल में किसी भी समय जाया जा सकता है।

सुबह 5:00 बजे से शाम को 4:00 बजे तक मंदिर और आश्रम में जाया जा सकता है। आश्रम के प्रबंधक से अनुमति लेकर अधिकतम 3 दिनों तक आश्रम में रहने की व्यवस्था भी हो सकती है। अनुमति के पश्चात रहने वाले श्रद्धालुओं को सुबह और शाम की आरती में शामिल होना अनिवार्य है।

आश्रम सर्दियों में कुछ समय के लिए बंद रहता है क्योंकि यहां बहुत ठंड हो जाती है। मार्च से जून महीने की बीच में यहां का मौसम बहुत सुहाना रहता है, तापमान 20 से 35 डिग्री सेल्सियस तक रहता है तथा वातावरण बहुत अच्छा होता है। जुलाई से सितंबर के महीने में भी तापमान 20 से 27 डिग्री सेल्सियस तक होता है अतः तब भी वातावरण अच्छा ही रहता है।

10 सितंबर 1973 को नीम करोली बाबा का निधन हो गया। उनके निधन के पश्चात आश्रम में उनके लिए एक मंदिर बनाया गया है और उनकी प्रतिमा लगाई गई है। उनकी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 15 जून 1976 को की गई थी। देशभर से श्रद्धालु हर साल इस दिन यहां आते है।

प्रतिवर्ष 15 जून को बाबा नीम करोली की जयंती मनाई जाती है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और प्रतिवर्ष इसी दिन भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। संगीतकार कृष्णदास, जय उत्तल , भगवान दास, रामदास ,आदि बाबा नीम करोली के प्रसिद्ध शिष्यों में से कुछ नाम है।

एक प्रसिद्ध लेखक रिचर्ड एल्बट ने अपनी पुस्तक ‘मिरेकल ऑफ लव’ में नीम करोली बाबा के चमत्कार का उल्लेख किया है। उन्होंने उस पुस्तक में स्पष्ट रूप से लिखा था कि किस प्रकार नीम करोली बाबा ने सेना के एक जवान को दुश्मन की गोलियों से रात भर बचाए रखा। लेखक बाबा की आध्यात्मिकता से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना नाम बदलकर रामदास रख लिया।

कैंची धाम की मान्यताएं

एक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि एक बार कैंची धाम में भंडारे के समय पर घी की कमी हो गई थी, तब नीम करोली बाबा ने कहा कि नीचे बहती हुई नदी से एक डब्बे में पानी भरकर ले आए और जब वह पानी लाया गया तब वह घी में बदल गया।

इसी प्रकार एक बार जब नीम करोली बाबा के किसी भक्त को भीषण गर्मी सता रही थी, तब उन्होंने बादल को छतरी बनाकर अपने भक्त को उसके मंजिल तक पहुंचा दिया था। ऐसा माना जाता है कि यहां पर आने वाले सभी भक्तों की परेशानियों का हल निकल जाता है।

देश और विदेश से कई भक्त यहां अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए आते हैं। विदेशों में भी नीम करोली बाबा के और हनुमान जी के इस मंदिर की ख्याति बहुत प्रसिद्ध है। नीम करोली बाबा का मूल नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी समाधि कैंची धाम के अलावा वृंदावन चेन्नई और लखनऊ में भी है।

भक्त उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए यहां आते हैं। भक्त बाबा को चमत्कारी पुरुष मानते है। भक्त यह मानते हैं कि बाबा उनकी कठिनाई को पहले से ही भांप लेते थे।

वे कभी भी अचानक से गायब हो जाते या प्रकट हो जाते थे। इस तरह के चमत्कारों की चर्चा उनके भक्त करते है। भक्त बाबा जी को हनुमान जी का अवतार मानते थे। आज भी उनका आश्रम एक ट्रस्ट चलाता है। आश्रम में विदेशी भी आते है।

बाबा जब भी कहीं भंडारे का आयोजन करते थे तब उनकी लोकप्रियता और प्रभुत्व इतना था कि भंडारे के लिए दान राशि और सहयोग देने के लिए भक्तों की भीड़ लग जाती थी और भंडारा बहुत ही आराम से संपूर्ण हो जाता था।

कैंची धाम कैसे पहुंचे

कैंची धाम से 80 किलोमीटर की दूरी पर पंतनगर एयरपोर्ट है। यहां से सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से कैंची धाम 40 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर सड़क मार्ग से भी जाया जा सकता है यह स्थान वाहन योग्य सड़कों से जुड़ा हुआ है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

कैंची धाम निकटतम रेलवे स्टेशन कोनसा है ?

काठगोदाम रेलवे स्टेशन से कैंची धाम 40 किलोमीटर की दूरी पर है।

Other Famous Articles
मेंहदीपुर बालाजी | Mehandipur Balaji: A Complete Guide to Temple 

Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Gmail Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories

  • Festival (10)
  • History (28)
  • International Days (11)
  • National Days (31)
  • National Parks (12)
  • Others (12)
  • Personalities (3)
  • Places (69)
  • Rivers (5)
  • Spiritual (11)
  • Temples (54)
  • Upavas (17)

Recent Posts

  • क्षिप्रा नदी – सम्पूर्ण जानकारी | Shipra Nadi
  • सरोजनी नायडू जीवन परिचय (Sarojini Naidu Jivan Parichay)
  • प्रदोष व्रत – सम्पूर्ण जानकारी | Pradosh Vrat
  • हिंगलाज माता मंदिर – सम्पूर्ण जानकारी | Hinglaj Mata Mandir
  • महानदी – संपूर्ण जानकारी | Mahanadi in Hindi
  • बसंत पंचमी – सम्पूर्ण जानकारी | Basant Panchami in Hindi

dmca logo
Kalpanaye Logo
© Copyright © 2021-2023 Kalpanaye. All rights Reserved