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कान्हा नेशनल पार्क

कान्हा नेशनल पार्क – इतिहास व सम्पूर्ण जानकारी | Kanha National Park

Posted on December 11, 2022
Table of contents
  1. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
  2. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
  3. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में मौसम
    1. महीनों के अनुसार मौसम
  4. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में आकर्षण के केंद्र
  5. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान कैसे जाएं?
  6. कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जीव, पक्षी व वनस्पति
  7. भारत में अन्य राष्ट्रीय उद्यान
  8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह मध्यप्रदेश राज्य के बालाघाट तथा मंडला जिले में स्थित है। मध्यप्रदेश राज्य अपने राष्ट्रीय उद्यान तथा वनों के लिए प्रसिद्ध है। कान्हा हमेशा से ही अपनी प्राकृतिक सुंदरता तथा वास्तुकला के लिए पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का बिंदु रहा है। एक मान्यता के अनुसार पास के एक जंगल में एक कान्वा   नाम के सिद्ध योगी रहा करते थे,  जिनके के नाम पर इस जगह का नाम कान्हा पड़ा। कान्हा नेशनल पार्क के क्षेत्रफल की बात करें, तो यह पार्क लगभग 940 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कान्हा नेशनल पार्क को कान्हा टाइगर रिज़र्व भी कहा जाता है।  इस उद्यान में दो अभयारण्य  हैं , एक हॉलन तो दूसरा बंजार। आप सभी ने मोगली का नाम तो सुना ही होगा, तथा उसका धारावाहिक भी देखा होगा, यह धारावाहिक जंगल बुक पर आधारित है। इस बुक के लेखक रूडयार्ड किपलिंग हैं, तथा इसकी प्रेरणा कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से ली गई थी।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास

कान्हा नेशनल पार्क मूल रूप से 1880 के समय में गोंडवानों (अर्थात गोंडों की जमीन) का एक भाग था, जो मध्य भारत की दो प्रमुख जनजातियों बैगाओं और गोंडों द्वारा बसाया गया था। वर्तमान समय में भी इन दोनों प्रजातियों ने इस राष्ट्रीय उद्यान के बाहरी क्षेत्रों पर कब्जा किया हुआ है। साल 1862 में  वन प्रबंधन नियमों द्वारा कान्हा को बाधित कर दिया गया था। 1879 से 1910 के समयकाल के बीच इस क्षेत्र को अंग्रेजों का पसंदीदा शिकार क्षेत्र माना जाता था। कुछ सालों बाद इस क्षेत्र को वर्ष 1933 में आरक्षित वन अभयारण्य  घोषित कर दिया गया था।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास उस समय से और भी अधिक दिलचस्प हो गया, जब साल 1933 में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान  को अपने सौंदर्यपूर्ण परिदृश्य और आकर्षक उच्चभूमि सुंदरता के लिए पूरे विश्व से सराहना मिली। वर्ष 1955 में 1 जून को इस अभयारण्य  को एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में मान्यता दी गई।  सन् 1973 में इस राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को साल 1991 और 2001 में भारत सरकार पर्यटन विभाग द्वारा सबसे अनुकूल पर्यटन नेशनल पार्क के रूप में सम्मानित किया गया था।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में मौसम

समुद्रतल से कान्हा नेशनल पार्क की ऊंचाई केवल 600 मीटर भी है, तथा इसका अधिकांश क्षेत्र मैदानी इलाके में है। इसी वजह से इस उद्यान का तापमान यहाँ के मौसम के अनुसार ही रहता है, परिणामस्वरूप यहाँ  गर्मियों के मौसम में गर्मी होती है, तथा सर्दियों के मौसम में यहाँ का तापमान कम  हो जाता है, जिस वजह से सर्दी रहती है।

गर्मियां के मौसम के समय में कान्हा नेशनल पार्क का तापमान अधिकतम 45° सेल्सियस तक या उससे भी ऊपर जा सकता है। मानसून के समय में यहाँ का तापमान सामान्य, तथा मौसम काफी सुहावना रहता है, लेकिन यह बात ध्यान रखने योग्य है कि मानसून के समय में कान्हा नेशनल पार्क बंद रहता है। सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान न्यूनतम -2 डिग्री सेल्सियस  तक भी चला जाता है।

महीनों के अनुसार मौसम

  • गर्मियों में – ( मार्च से जून) – अधिकतम तापमान 43° सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 35° सेल्सियस (लगभग)।
  • मानसून में – ( जुलाई से सितंबर) – अधिकतम तापमान 30° सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 20°  सेल्सियस (लगभग)।
  • सर्दियों में – ( अक्टूबर से फरवरी ) – अधिकतम तापमान 20°  सेल्सियस  तथा न्यूनतम तापमान -2° सेल्सियस या उससे भी कम  (लगभग)।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में आकर्षण के केंद्र

  • बाघ :- कान्हा नेशनल पार्क में आप बाघों को देख सकते हैं। बाघों को देखने के लिए हाथी की सवारी की सुविधा दी  जाती है। यह सेवा प्राप्त करने के लिए सुबह से सीट बुकिंग की जाती है। भारतीय लोगों के लिए 100 रुपए  तथा विदेशी लोगों के लिए 600 रुपए  शुल्क  निर्धारित है। बाघों को देखने के लिए विभिन्न पर्यटक इस उद्यान में  आते हैं।
  • जीप सफ़ारी:- जीत सफ़ारी कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का एक आकर्षण का बिंदु है। जीप सफ़ारी के लिए सुबह और शाम का समय निर्धारित किया गया है। सुबह 6:00 बजे से 12:00 बजे तक का समय निर्धारित है,  तथा दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक का समय निर्धारित है। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास कार्यालय से जीप किराए पर  ली जा सकती है। सफ़ारी के लिए गाइड ले जाने की अनुमति है।
  • बारहसिंगा :- कान्हा नेशनल पार्क मुख्य रूप से जिसके लिए जाना जाता है, वह है बारहसिंगा। भारत में केवल कान्हा नेशनल पार्क  में ही बारहसिंगा पाया जाता है। एक समय था जब बारहसिंगा विलुप्त होने की कगार पर थे, लेकिन कुछ कोशिशों के बाद इन्हें विलुप्त होने से बचा लिया गया। दिसंबर माह के अंत से मध्य जनवरी तक बारहसिंगा का प्रजनन का काल रहता है। इस समय इन्हें करीब से देखा जा सकता है।
  • राजा–रानी पेड़:- यहां 2000 साल पुराने दो पेड़ों के ठूठ हैं, जिनका नाम राजा और रानी है। प्रतिदिन इनकी पूजा की जाती है। राजा और रानी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान कैसे जाएं?

  • वायु मार्ग:- नागपुर का एयरपोर्ट  कान्हा का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। यह कान्हा से 266 किलोमीटर की दूरी पर है। एयरपोर्ट से टैक्सी या बस द्वारा कान्हा नेशनल पार्क तक पहुंचा जा सकता है।
  • रेलमार्ग:- कान्हा जाने के लिए जबलपुर रेलवे स्टेशन नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से 175 किलोमीटर  की दूरी पर  कान्हा है, जहां टैक्सी या बस की सहायता से जाया जा सकता है।
  • सड़क मार्ग:-  सड़क मार्ग से जाना सरल है। आस-पास के सभी शहरों से कान्हा के लिए बस सेवा उपलब्ध है। राष्ट्रीय राजमार्गों की सहायता से इसके आसपास के शहरों तक पहुँचा जा सकता है।

कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जीव, पक्षी व वनस्पति

  • जीव:- रॉयल टाइगर, तेंदुए, गीदड़, काला हिरण, लकड़बग्घा ,आलसी भालू, जंगली सूअर, सांभर, अजगर, भारतीय कोबरा, चीतल आदि।
  • पक्षी:- सारस, पिंटेल, चैती, कठफोड़वा, फिंच, उल्लू, मोर, हूप, पेनहास, कोयल, ग्रीन कबूतर, किंग फिशर, बटेर आदि।
  • वनस्पति:- तेंदू, पलास, धवा, लेंडिया, आंवला, साल आदि।

भारत में अन्य राष्ट्रीय उद्यान

भारत में कुल 104 राष्ट्रीय उद्यान हैं। कुछ राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित हैं:-

  • घना पक्षी नेशनल पार्क
  • कूनो नेशनल पार्क
  • दुधवा नेशनल पार्क
  • दाचीग्राम नेशनल पार्क
  • काजीरंगा नेशनल पार्क
  • जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
  • पेरियार राष्ट्रीय उद्यान
  • सलीम अली बर्ड सैंचुरी

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारत में कुल कितने अभयारण्य  है ?

भारत में कुल वन्यजीव अभयारण्य  551 हैं, तथा 104 राष्ट्रीय उद्यान है।

कान्हा किसली नेशनल पार्क किस जिले में है ?

मंडला व बालाघाट।

जबलपुर से कान्हा किसली की दूरी कितनी है ?

लगभग 147 किलोमीटर।

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