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गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस – कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है

Posted on January 6, 2023
Table of contents
  1. गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
  2. गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
  3. गणतंत्र दिवस का इतिहास | Gantantra Diwas ka Itihas
  4. गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है
  5. गणतंत्र दिवस समारोह | Gantantra Diwas Samaroh
  6. गणतंत्र दिवस समारोह के कुछ प्रमुख अतिथि

गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?

भारत देश राष्ट्रीय पर्वों व कई त्यौहारों का देश है। यहाँ मुख्य रूप से केवल तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते है, जिनमें से एक गणतंत्र दिवस है तथा अन्य दो स्वतन्त्रता दिवस व गाँधी जयंती है।

Gantantra Diwas पूरे भारत में प्रत्येक वर्ष की 26 जनवरी को मनाया जाता है। एक राष्ट्रीय पर्व होने के नाते ये दिवस किसी विशेष सम्प्रदाय, जाति या समुदाय से संबंधित नहीं है। ये सभी भारतवासियों का पर्व है, जो सभी भारतवासियों द्वारा जोश व उत्साह के साथ मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस 1950 में संविधान लागू किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिससे भारत देश एक संप्रभु गणराज्य बना।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस पूरे भारत का पर्व होने के कारण ये भारत के कोने-कोने में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में Gantantra Diwas पर विशेष समारोह किया जाता है, जिसका संचार माध्यमों द्वारा प्रसारण भी किया जाता है।

विभिन्न सरकारी संस्थानों व शैक्षिक संस्थानों (विद्यालय-महाविद्यालय) में इस दिवस को एक दिन पूर्व मनाया जाता है, क्योंकि अगले दिन उनका अवकाश रहता है। इन संस्थानों में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में ध्वजारोहण किया जाता है व राष्ट्रगीत-राष्ट्रगान को पूरे उत्साह के साथ गाया जाता है। इसके बाद देशभक्ति से जुड़े कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।

इन कार्यक्रमों में भाषण, कविता वाचन, नृत्य व नाटक आदि गतिविधियाँ की जाती है। विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। कुल मिलाकर हर तरफ देशभक्ति का वातावरण बन जाता है।

गणतंत्र दिवस का इतिहास | Gantantra Diwas ka Itihas

Gantantra Diwas मुख्य रूप से संविधान से सम्बंधित है, इसलिए गणतंत्र दिवस का इतिहास जानने के लिए हमें संविधान के सफ़र के बारे में जानना होगा।

  • वर्ष 1929 में दिसंबर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में में प्रस्ताव पारित किया गया, कि यदि 26 जनवरी 1930 तक ब्रिटिश शासन द्वारा भारत को स्वायत्त उपनिवेश घोषित नहीं किया गया, तो 26 जनवरी को पूर्ण स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।  
  • उस दिन से प्रत्येक वर्ष की 26 जनवरी को वर्ष 1947 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त होने तक स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।  बाद में जब भारत को अगस्त में आजादी मिली, तब 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकारा गया। भारत को आजादी मिलने के बाद अगला काम संविधान का निर्माण करना था, जिसके लिए आजादी से कुछ महीने पहले ही संविधान सभा की घोषणा की गयी। संविधान निर्माण का कार्य 9 दिसंबर 1946 से शुरू कर दिया गया।
  • संविधान सभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने गए।  डॉ० भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, गोविंद वल्लभ पंत आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण सभा में कुल 22 समितियां थी, जिसमें सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति प्रारूप समिति (ड्राफ़्टिंग कमेटी) थी। प्रारूप समिति का मुख्य कार्य पूरे संविधान को लिखित रूप प्रदान करना था। प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर को बनाया गया था, जिन्हें संविधान के जनक के रूप में भी जाना जाता है। 2 वर्ष , ग्यारह महीने तथा अट्ठारह दिन के समयकाल में संविधान बनकर तैयार हो गया तथा 26 नवंबर 1949 को इस संविधान को संविधान सभा के अध्यक्ष को सौंप दिया गया। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान  को अंगीकृत किया गया, इसलिए हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • संविधान को 1949 में अंगीकार तो कर लिया गया, लेकिन अभी संविधान का लागू होना बाकी था। संविधान को पूरे भारतवर्ष में 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इस विशेष दिन को गणतंत्र दिवस का रूप दिया गया, जिसे हम प्रत्येक वर्ष मनाते है।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है

Gantantra Diwas मनाए जाने के पीछे कई कारण है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित है:-

  • 26 जनवरी 1950 के दिन ही भारत को पूर्ण गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया था।
  • इस दिन को मनाने का एक उद्देश्य देश के उन क्रांतिकारियों व शहीदों को याद करना है, जिनके अथक प्रयासों के कारण भारत को स्वतंत्रता मिली।
  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन व्यक्तियों को भी याद करना है, जिन्होनें संविधान निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई, क्योंकि भारतीय संविधान विश्व का सबसे बृहत् लिखित संविधान है और इसका निर्माण करना बहुत कठिन कार्य था।
  • यह दिन लोगों को एक अवसर प्रदान करता है, जिसमें वे अपने संविधान के बारे में अधिक से अधिक जानें व अपने संविधान का सम्मान करें।

गणतंत्र दिवस समारोह | Gantantra Diwas Samaroh

26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह किया जाता है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति  भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराते हैं तथा इसके पश्चात सामूहिक रूप से सावधान की मुद्रा में राष्ट्रगान गाया जाता है।  इस दिन राजपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है। इस परेड में भारतीय सेना के विभिन्न प्रभाग भागीदारी करते है। देश के विभिन्न भागों से इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर तथा विभिन्न विद्यालयों से शिक्षार्थी आते है। प्रधानमंत्री व अन्य नेताओं द्वारा शहीद स्मारक पर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। शहीद सैनिकों की याद में दो मिनट मौन भी रखा जाता है। इस समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य नेताओं के अलावा विशेष अतिथि भी शामिल होते है।

परेड में कई राज्यों की झाँकियाँ भी निकलती है, जो वहां की स्थानीय विशेषता, लोकगीत व संस्कृति का प्रदर्शन करती है। इन झांकियों द्वारा भारत की सांस्कृतिक व सामाजिक विविधता को प्रदर्शित किया जाता है तथा इससे विविधता में एकता का संदेश दिया जाता है।

पूरे समारोह का प्रसारण भी किया जाता है, ताकि लोग घर बैठे उसका आनंद ले सकें।

गणतंत्र दिवस समारोह के कुछ प्रमुख अतिथि

  • 2020- जेयर बोल्सोनारो (ब्राजील के राष्ट्रपति )।
  • 2019- सिरिल रामाफोसा (दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति )।
  • 2018- असियान के सभी दस देशों के प्रमुख।
  • 2017- मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (आबू धाबी के क्राउन प्रिंस)।
  • 2015- बराक ओबामा (संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति )।
  • 2014- शिन्जो आबे (जापान के प्रधानमंत्री)।
  • 2013- जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (भूटान के राजा )।
  • 2007- व्लदिमीर पुतिन (रूस के राष्ट्रपति)।
  • 2003- मोहम्मद खातमी (ईरान के राष्ट्रपति)।

Disclaimer : इस पोस्ट में दी गई समस्त जानकारी हमारी स्वयं की रिसर्च द्वारा एकत्रित की गए है, इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो, किसी की भावना को ठेस पहुंचे ऐसा कंटेंट मिला हो, कोई सुझाव हो, Copyright सम्बन्धी कोई कंटेंट या कोई अनैतिक शब्द प्राप्त होते है, तो आप हमें हमारी Gmail Id: (contact@kalpanaye.in) पर संपर्क कर सकते है।

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