“पर्यावरण” ये शब्द आपने अवश्य ही कहीं लिखा हुआ देखा होगा या सुना होगा। कई लोगों को इसका मतलब पता भी है लेकिन कई ऐसे भी हैं जिन्हें पता होकर भी इसका मतलब नहीं पता होता। यदि हम पर्यावरण शब्द को देखें तो ये परि+आवरण से बना है और हम इसका अर्थ निकालने का प्रयास करें तो हमें पता चलता है कि ‘परि’ यानि चारों ओर से और ‘आवरण’ यानि यानि ढका हुआ या ढकने वाला। सम्मिलित रूप से हम बात करें तो हमें चारों ओर से घेरने वाली सभी चीजें पर्यावरण का ही हिस्सा हैं। मानव, प्रकृति और अन्य सभी चीजें इसका भाग हैं। दिन–प्रतिदिन पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन मानव जीवन को बहुत बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। इन प्रभावों पर ही ध्यान देने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत की गई।
जैसा कि हम प्रत्येक वर्ष कई त्यौहार, पर्व व कई खास दिन मनाते है और हर किसी के पीछे एक खास वजह भी होती है। ठीक उसी प्रकार हम प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते है। इस दिवस को मनाने के पीछे अपनी कुछ खास वजहें है। इस लेख में हम विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में तथा उससे संबंधित विभिन्न बिंदुओं को जानेंगे।
विश्व पर्यावरण दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास ज्यादा प्राचीन भी नहीं है। लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा व देखभाल पर पुराने समय से ही बात की गई है। जैसे–जैसे समय आगे बढ़ा, विकास हुआ वैसे-वैसे पर्यावरण की स्थिति में बिगाड़ आता गया और इस पर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए था उतना ध्यान नहीं दिया गया।
Vishwa Paryavaran Diwas की नींव आधिकारिक रूप से वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा रखी गई थी। वर्ष 1972 में मानव पर्यावरण विषय को ध्यान में रखते हुए पहले पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में उस समय 119 देशों ने भाग लिया था। ये संयुक्त राष्ट्र का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में ही विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का सुझाव दिया गया।
उसके अगले वर्ष से ही प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष इस दिवस की एक थीम (विषय) रखी जाती है। सबसे पहले जो विषय (थीम) रखा गया था वो था “ केवल एक पृथ्वी”। उस समय भारत की तरफ से भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भारत का नेतृत्व किया था।
कुछ अन्य वर्षों की थीम ये रहीं थीं:-
- 1975:- मानव बस्ती
- 1976:- जल:जीवन के लिए महत्वपूर्ण संसाधन
- 1977:- ओजोन परत पर्यावरणीय चिंता; भूमि हानि और मृदा क्षरण
- 1978:- विनाश के बिना विकास
पिछ्ले चार वर्षों की थीम(विषय) ये रही:-
- 2021:- पारिस्थितिकी तंत्र बहाली
- 2020:- प्रकृति के लिए समय
- 2019:- वायु प्रदूषण
- 2018:- प्लास्टिक प्रदूषण को मारो
विश्व पर्यावरण दिवस क्यों?
हम प्रतिवर्ष कई विशेष दिनों को मनाते हैं। इन विशेष दिनों को मनाने के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य ही होता है। ये जरूरी भी है कि हम जिस भी दिवस को मनाते हैं उसके मनाने का औचित्य या यूँ कहें कि कारण हमें पता होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर भारत में प्रति वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है; इसके पीछे की वजह है कि इस दिन भारत देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी।
अब बात करें विश्व पर्यावरण दिवस की तो हमें जानना चाहिए कि इस दिवस की आवश्यकता क्या है। हम यानि मानव जाति पर्यावरण में ही रहते है। पर्यावरण की प्रत्येक चीज, प्रत्येक पहलू हमें सीधे तौर पर या गैर–सीधे तौर पर प्रभावित करता है। आधुनिक समय विकास करने का है और हम कई क्षेत्र में तीव्रता के साथ विकास कर भी रहे है, लेकिन इस विकास की गति के कारण पर्यावरण को जो हानि पहुँच रही है और जो पर्यावरणीय समस्याएं पैदा हो रही हैं उन्हें हम कहीं न कहीं नजरअन्दाज़ कर रहे है। ये समस्याएं प्राणीजगत के लिए खतरा बनती जा रही है।
कुछ समस्याएँ निम्नलिखित है:-
- बढ़ता वनोन्मूलन यानि पेड़ों की कटाई का बढ़ना
- प्रदूषण का घातक स्तर तक पहुँचना
- बढ़ती आबादी
- जीवों की कुछ प्रजातियों का लुप्त होते जाना
ऐसी ही विभिन्न समस्याओं पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए तथा इन समस्याओं के निपटारे की योजना बनाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस का अपना विशेष महत्व है।
यदि हमनें पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया तो स्थिति इतनी बिगड़ जायेगी जिसका हम शायद अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि पूरे विश्व के लोग साथ में आएँ और पर्यावरण के हित में कार्य करें क्योंकि पर्यावरण सबका है और इसकी जिम्मेदारी भी सभी पर है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2022 का विषय (थीम)
जैसा कि आप सभी जान ही चुके होंगे कि विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना है व इन मुद्दों को निपटाने के लिए प्रेरित करना है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2022 का विषय “ओनली वन अर्थ” यानि “केवल एक पृथ्वी” रखा गया है। इसका केंद्र प्रकृति के साथ सद्भाव के साथ रहने पर है। 2022 में इसका जो मेजबान देश है उसका नाम है स्वीडन। 2022 में पहले पर्यावरण सम्मेलन की 50वीं वर्षगाँठ है।
जैसा कि थीम से स्पष्ट है कि पृथ्वी केवल एक ही है जिस पर जीवन की संभावना है। हमें इस पृथ्वी की देखभाल करनी है। पर्यावरण का बचाव करना है। प्रकृति के साथ होता निरंतर हस्तक्षेप प्राणी जगत के लिए बेहद बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
ये खतरा किसी एक व्यक्ति विशेष के लिए ही नहीं है बल्कि सभी के लिये है इसलिए ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस खतरे को पहले कम किया जाए और धीरे-धीरे लगभग खत्म कर दिया जाए।
निष्कर्ष
आप सभी अभी तक जान चुके हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है, इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है, विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम क्या है। पर्यावरण की देखभाल करने या उसकी रक्षा करने का अर्थ ये नहीं है कि विकास न किया जाए बल्कि इसका अर्थ ये है कि विकास इस तरह से किया जाए कि पर्यावरण को हानि न हो। यदि हम विकास करते हुए एक पेड़ काटते भी हैं तो हमारा कर्तव्य है कि उसके बदले हम एक–दो पेड़ लगाएं भी।
सभी का साथ हो, अच्छी योजनायें हों तो हम इन समस्याओं को कम कर सकते है।
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