चिल्फी घाटी

चिल्फी घाटी – सम्पूर्ण जानकारी (Chilpi Ghati Chhattisgarh)

चिल्फी घाटी कहाँ है?

चिल्फी घाटी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में है। यह छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित है। कवर्धा को कबीरधाम के नाम से भी जाना जाता है।

चिल्फी घाटी क्यों प्रसिद्ध है?

Chilpi Ghati की प्रसिद्धता का कारण इसके परिचय में छिपा हुआ है। यह छत्तीसगढ़ राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह प्राकृतिक रूप से इतना सुंदर व आकर्षक स्थान है, कि इसे छत्तीसगढ़ का मिनी कश्मीर भी कहा जाता है। चिल्फी घाटी मैकाल पर्वत श्रृंखला से जुड़ी हुई है तथा Chilpi Ghati के अद्वितीय सौंदर्य के लिए इसे मैकाल की रानी के रूप में भी संबोधित किया जाता है।

चिल्फी घाटी में प्रकृति ने अच्छी तरह से अपना सौंदर्य बिखेरा है। यहाँ ऊँची-ऊँची पहाड़ियां है, पहाड़ियों के बीच में सड़क है, चारों ओर हरियाली है, पेड़-पौधों पर सुंदर-सुंदर फूल है, तथा छोटे-छोटे झरने है। ये सभी आपस में मिलकर मन लुभावन दृश्य प्रस्तुत करते है।

इस क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए कई नए स्टाप डैम भी बनाए गए है। यहाँ की हरियाली व सौंदर्य को बनाए रखने के लिए यह एक सकारात्मक पहल है।

यहाँ बैगा आदिवासी बसे हुए है। उनका रहन-सहन व उनकी संस्कृति भी लोगों को आकर्षित करती है।

चिल्फी घाटी जलप्रपात

चिल्फी घाटी में एक बहुत ही सुंदर जलप्रपात है, जिसका नाम रानी देहरा जलप्रपात है।

रानी देहरा जलप्रपात

यह जलप्रपात बहुत सुंदर व आकर्षक है। यह कवर्धा जिले का सबसे बड़ा जलप्रपात है। यह मैकाल पर्वत श्रृंखला के अंतर्गत आता है, इसी वजह से यह चारों ओर से ऊँची-नीची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस जलप्रपात का अच्छा दृश्य पाने के लिए करीब 40 से 50 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।

बरसात के मौसम में यह जलप्रपात अपनी सुन्दरता के चरम पर होता है, लेकिन इस समय यहाँ फिसलन का भी खतरा बना रहता है। इस वॉटरफॉल को देखने जाने के लिए टिकट भी लेना पड़ता है, जिसकी कीमत मात्र 10 रुपये प्रति व्यक्ति होती है।

चिल्फी घाटी मड हाउस

Chilpi Ghati में सुन्दरता का नजारा लेने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते है। यहाँ पर्यटकों के ठहरने के लिए कई होटल है, लेकिन सभी चिल्फी घाटी से थोड़ी दूरी पर है। चिल्फी घाटी में पर्यटकों के ठहरने के लिए कई छोटे-छोटे मड हाउस बने हुए है। Chilpi Ghati से 5 किलोमीटर दूर स्थित सरोदा दादर में कई मड हाउस व बैम्बू हाउस का समूह तैयार किया जा रहा है, ताकि आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधा हो सके।

चिल्फी घाटी का रोड

चिल्फी घाटी एक पहाड़ी क्षेत्र है। यहाँ पहाड़ियों के बीच में सड़कें बनी हुई है। ये सड़कें काफ़ी घुमावदार व सँकरी है, इसलिए इन सड़कों पर अतिरिक्त सावधानी के साथ वाहन चलाना पड़ता है। अक्सर चिल्फी घाटी के रोड की वजह से कई लोग इसे खतरनाक घाटी भी कहते है। यहाँ सुन्दरता के साथ सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है।

कवर्धा से चिल्फी घाटी की दूरी

कवर्धा छत्तीसगढ़ का एक जिला है। Chilpi Ghati कवर्धा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है। Chilpi Ghati जाने के लिए यहाँ बस सेवा उपलब्ध है।

रायपुर से चिल्फी घाटी की दूरी

रायपुर से चिल्फी घाटी की न्यूनतम दूरी तकरीबन 154 किलोमीटर है। रायपुर से चिल्फी घाटी जाने के लिए पहले कवर्धा आना अधिक सुविधाजनक रहता है, क्योंकि रायपुर और कवर्धा के बीच बस द्वारा आवागमन आसान रहता है।

चिल्फी घाटी कैसे पहुँचे?

छत्तीसगढ़ के कश्मीर यानि चिल्फी घाटी जाने के लिए तीनों माध्यम उपलब्ध है। सड़क मार्ग, रेलमार्ग व वायु मार्ग का प्रयोग करके Chilpi Ghati पहुँचा जा सकता है। विभिन्न माध्यमों से Chilpi Ghati पहुंचने का विवरण निम्नलिखित है :-

वायु मार्ग

रायपुर का स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा Chilpi Ghati आने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। रायपुर कवर्धा से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर है। भारत के प्रमुख शहरों, जैसे- दिल्ली, कोलकाता, मुंबई आदि से स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के लिए सीधी फ्लाइट मिल जाती है। हवाई अड्डे से Chilpi Ghati तक जाने के लिए टैक्सी या बस सेवा का प्रयोग किया जा सकता है।

रेल मार्ग

चिल्फी घाटी आने के लिए रायपुर तथा बिलासपुर के रेलवे स्टेशन नजदीकी रेलवे स्टेशन है। दोनों ही रेलवे स्टेशन कवर्धा से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर है। सुविधा के हिसाब से रायपुर रेलवे स्टेशन ठीक है, क्योंकि यहाँ से आसानी से बस सेवा उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन से बस व टैक्सी की सहायता से Chilpi Ghati पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग

कवर्धा आस-पास के क्षेत्रों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छे से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग- 30 द्वारा रायपुर-जबलपुर से होते हुए कवर्धा पहुंचा जा सकता है। आप बस या टैक्सी का प्रयोग कर सकते है या निजी वाहन के द्वारा भी Chilpi Ghati जा सकते है।

चिल्फी घाटी के आस-पास घूमने लायक जगह

भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण

यह वन्यजीव अभ्यारण कवर्धा में स्थित है। यह वन्यजीव अभ्यारण करीब 352 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यजीव व वनस्पतियाँ मौजूद है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता मन लुभावन है। इस अभ्यारण में कई छोटे-बड़े झरने भी है। इस अभ्यारण में मैकाल पर्वत श्रेणी की सुन्दरता भी शामिल है।

कबीर टेकरी

यह एक धार्मिक स्थान है, जो कि कवर्धा में स्थित है। यह एक ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ, संत कबीर को समर्पित मंदिर है। यहाँ एक सुंदर जलाशय भी बना हुआ है। यह एक हरा-भरा और शांतिपूर्ण क्षेत्र है।

पीठाघाट वॉचटॉवर

यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो कवर्धा में स्थित है तथा भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण के अंतर्गत आता है। यह एक ऊँचा टॉवर है, जहाँ से आस-पास का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। इस टॉवर का पारदर्शी फर्श इसे और भी रोमांचक बनाता है। इस पर खड़े होकर मैकाल पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों को आसानी से देखा जा सकता है।

भोरमदेव मंदिर

‘छत्तीसगढ़ का खजुराहो’ के रूप में जाना जाने वाला यह मंदिर कवर्धा में स्थित है तथा भगवान शिव को समर्पित है। यह एक प्राचीन मंदिर है, जिसमें पत्थर से बनी हुई मूर्तियां है। मंदिर में सुंदर नक्काशी की गयी है। यहाँ एक तालाब भी है, जो इसके परिदृश्य को और भी सुंदर बना देता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

चिल्फी घाटी को किस नाम से जाना जाता है?

मैकाल की रानी

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