चाय एक पेय पदार्थ है। यह पेय पदार्थ भारत के अलावा विदेशों में भी बहुत प्रसिद्ध है। यदि कोई आगंतुक घर पर आता है तो उसके स्वागत मे उससे चाय की अवश्य पूछा जाता है। यह परंपरा न केवल भारत में वरन् पूरे विश्व में प्रचलित है। चाय भी कई प्रकार की होती है, जैसे नींबू की चाय, दूध की चाय,ग्रीन tea ,मसाला चाय इत्यादि। यदि यह बोला जाए कि विश्व में जितने देश है उतने प्रकार की चाय होती है तो संभवतः गलत न होगा। चाय न केवल स्वागत मे पिलाने वाला पेय है बल्कि लोग इसे रोज भी पीते है। चाय औषधि युक्त एक पेय पदार्थ है। भारत मे चाय की खपत बहुत अधिक होती है। भारत के प्रत्येक घर में दिन की शुरुआत चाय से होती है। युवा वर्ग मे चाय की खपत सबसे अधिक होती है इसलिए भारत एक चाय प्रेमी देश है।
चाय का इतिहास | History of Chai
माना जाता है करीब 5000 वर्ष पूर्व चीन में सम्राट शेन नुग्न रोजाना की तरह सुबह अपने उद्यान में बैठकर गर्म पानी पी रहे थे कि उनके गर्म पानी मे कहीं से पत्ती आ गिर पड़ी और जब सम्राट ने उस गर्म पानी को पीया तो उनके शरीर मे चुस्ती फुर्ती का एहसास हुआ। उस दिन से सम्राट उस पत्ती को गर्म पानी मे डालकर पीने लगे और इस तरह चाय का अविष्कार हुआ। बौद्ध भिक्षु जब भी चीन जाते वहां से चाय की पत्तियां संग्रहित करके अपने साथ ले आते। इस तरह से चाय की पत्तियां भूटान, नेपाल के रास्ते भारत पहुंची ।
चाय के फायदे | चाय पीने के फायदे | chai peene ke fayde
चाय (Tea) एक औषधीय पेय है। इसलिए इस औषधीय गुण से भरे पेय पदार्थ के फायदे भी है।
- सुबह सुबह चाय पीने से आलसपन दूर हो जाता है और शरीर में चुस्ती फुर्ती आ जाती है।
- यदि धूप मे निकलने से सन बर्न हो जाए तो प्रयोग किये हुए टी बैग को फ्रीज में ठंडा होने तक रख दे और उसके बाद टी बैग को फ्रिज से निकाल कर उस जगह पर 10 मिनट के लिए रख दे जहाँ की स्कीन सन बर्न से प्रभावित हुई है।
- चाय की पत्तियाँ बालों को चमकदार रखती है। यदि बालों में अच्छी शाइन चाहिए तो ग्रीन टी की पत्तियो का प्रयोग करें। चाय की पत्तियों को ऑक्सीडाइज नहीं किया जाता है जिसकी वजह से इसकी पत्तियों में इलेक्ट्रॉन की संख्या अधिक होती है , ये इलेक्ट्रॉन ही बालों को शाइन देते है।
- ग्रीन टी की पत्तियों से आँखों को सुंदर बनाया जा सकता है। यदि आँखें सूजी हुई है तो ग्रीन टी के टी बैग लेकर आँखों पर 10-15 मिनट रखने पर बहुत आराम मिलता है। चाय के पत्तियों मे मौजूद कैफीन आँखों को आराम देती है।
- यदि पैरो में से गंध आए तो चाय की पत्तियों को गुनगुने पानी मे डालकर और उसमे पांव को 5-6 मिनट रखने से पांव से आने वाली दुर्गंध दूर हो जाती है और साथ मे पांव के स्कीन की चमक भी बढती है।
- यदि इंजेक्शन लगाने से इंजेक्शन लगे हुए जगह पर सूजन आ जाए तो उस स्थान पर ठंडे टी बैग रखने से सूजन समाप्त हो जाती है और स्कीन मुलायम हो जाती है। और साथ ही साथ किसी भी तरह तरह का इन्फेक्शन का भी खतरा नही रहता।
- यदि चेहरे पर कील-मुहांसे और दाग धब्बे हो जाए तो स्कीन पर टी बैग रखने से कील-मुहांसे और दाग धब्बे कम हो जाते है अथवा खत्म हो जाते है। टी बैग मे मौजूद बेंजाॅइल पराआक्साइड को रोकती है जिससे चेहरे पर कील-मुहांसे और दाग धब्बे कम होते है अथवा नहीं होते है।
- प्रयोग की हुई चाय की पत्तियों को यदि गुलाब पौधे के जड़ मे डालें तो बहुत सुंदर और अधिक मात्रा मे खिलते हैं।
- यदि घर का कार्पेट (पांवपोश) गन्दा हो जाए तो उस पर चाय की खुली पत्तियो को गिरा कर फैला दें और उसे पैरो से कार्पेट पर रगड़कर कार्पेट को झाड़ देवें इससे कार्पेट साफ हो जाएगा।
भारत मे चाय की खोज और प्रयोग ब्रिटिश साम्राज्य और तत्कालीन असम के गवर्नर जनरल लार्ड बेंटिक की देन है। भारत के असम राज्य में चाय की पत्तियाँ तो थी लेकिन इसके प्रयोग और गुणो की जानकारी ब्रिटिश साम्राज्य ने बताई और चाय उद्योग को स्थापित और बढ़ावा दिया।
चाय बनाने की विधि
सामग्री (2 लोगों के लिए)
- 2 कप पानी
- 2 चम्मच चाय की पत्ती
- 2 चम्मच चीनी।
विधि
पानी को चाय की पत्ती और चीनी के साथ एक बर्तन मे उबालते है। जब चाय की पत्ती संग पानी में उबाल आ जाता है तब फिर उसमे आवश्यकतानुसार दूध डालकर दूध संग चाय पत्ती को उबालते है। लगभग ½ मिनट उबालने के बाद आँच पर से चाय उतार लें। चाय पीने के लिए बिल्कुल तैयार है।
नोट: यह सामान्य तरीके से चाय बनाने की विधि है।लोग चाय विभिन्न तरीके से भी बनाते हैं। जैसे नींबू की चाय, केवल पत्ती की चाय,मसाला चाय इत्यादि।
सबसे अधिक चाय उत्पादित करने वाला देश : चाय के पत्तियों का सबसे अधिक उत्पादन पूरे विश्व भर में भारत में सबसे ज्यादा किया जाता है। यह पूरे विश्व का 27॰4% चाय की पत्ती का उत्पादन करता है और सबसे ज्यादा निर्यात श्रीलंका देश करता है।
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