बिहार
28 राज्यों व 9 केंद्र शासित प्रदेश सहित भारत देश राज्यों का एक संघ है। बिहार भारत का एक प्रमुख राज्य है। पटना इस राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ यहाँ का सबसे बड़ा शहर भी है। बिहार राज्य के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार (2022), उप-मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव (2022) है। फागु चौहान इस राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त है।
इस राज्य का क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से ये भारत का 12वां सबसे बड़ा राज्य है। 2011 की मतगणना के अनुसार इस राज्य की जनसंख्या 10,40,99,452 है तथा जनसंख्या की दृष्टि से बिहार तीसरे स्थान पर आता है। यहाँ की साक्षरता दर 63.82 प्रतिशत है तथा यहाँ का औसत लिंगानुपात 918 है (2011 की मतगणना के अनुसार)।
बिहार में द्विसदनीय विधानमण्डल है। इसकी विधानसभा सीटों की संख्या 243 तथा विधान परिषद सीटों की संख्या 75 है। बिहार की लोकसभा में 40 तथा राज्यसभा में 16 सीटों की भगीदारी है। बिहार की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, केवल 11.3 प्रतिशत जनसँख्या नगरों में निवास करती है।
बिहार का नाम बिहार कैसे पड़ा?
प्राचीन समय में इस क्षेत्र में कई बौद्ध प्रचारक विहार करने आए थे। विहार का अर्थ ‘परिभ्रमण’ होता है। उन प्रचारकों ने इस स्थान पर लंबे समय तक निवास किया। इसी वजह से इस स्थान का नाम बिहार पड़ गया।
बिहार का इतिहास | Bihar ka Itihas
बिहार के इतिहास को आसानी से समझने के लिए इसे तीन कालों में बाँटा जा सकता है। 1. प्राचीन काल, 2. मध्य काल, 3. आधुनिक काल।
प्राचीन काल
वर्तमान का बिहार राज्य मगध , मिथिला व अंग आदि ऐतिहासिक क्षेत्रों से मिलकर बना है। मिथिला का संबंध वैदिक काल से माना जाता है। वाल्मीकि द्वारा रचित महाकाव्य रामायण में मिथिला का जिक्र मिलता है। यहाँ के राजा जनक की पुत्री देवी सीता का विवाह श्री राम से हुआ था।
6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के समय के आस-पास में इस क्षेत्र में वज्जि संघ की स्थापना हुई। बिहार का क्षेत्र एक लंबे समय तक मगध के अंतर्गत रहा। मगध पर शासन करने वाले दो प्रसिद्ध राजा बिम्बिसार व अजातशत्रु थे। अजातशत्रु द्वारा पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) की स्थापना की गई थी, जो कि मगध की राजधानी थी।
बाद में मगध मौर्य साम्राज्य के अंतर्गत आ गया, जिसकी स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य ने की थी। मौर्य साम्राज्य सबसे प्रसिद्ध राजा सम्राट अशोक था, जिसने युद्ध का त्याग किया और धम्म का प्रचार किया।
मध्य काल
12 वीं शताब्दी के दौरान मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी द्वारा मगध पर आक्रमण किया गया। इसकी वजह से यहाँ बौद्ध धर्म में बहुत ज्यादा गिरावट आयी। इस दौरान यहाँ के विभिन्न समृद्ध स्थलों को लूटा गया और क्षति पहुंचाई गई।
कालांतर में यहां स्थानीय शासकों ने शासन किया।
आधुनिक काल
औपनिवेशिक शासन में बिहार बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। 1857 के विद्रोह के दौरान ये क्षेत्र भी विद्रोह के प्रमुख केन्द्रों में से एक था। बाद में बंगाल विभाजन हुआ, जिसके परिणाम स्वरूप बिहार अस्तित्व में आया। 1936 में बिहार से उड़ीसा को अलग किया गया। स्वतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 को बिहार को राज्य का दर्जा मिला। सन् 2000 में बिहार राज्य से झारखण्ड को अलग किया गया।
बिहार राज्य की स्थापना कब और किसने की?
Bihar राज्य की स्थापना भारत की आजादी से पहले ही कर दी गई थी। जब 1912 में बंगाल का विभाजन हुआ तो 22 मार्च 1912 को बिहार राज्य अस्तित्व में आया। इसकी स्थापना ब्रिटिश शासन द्वारा की गई थी।
बिहार की भौगोलिक स्थिति
भौगोलिक रूप से बिहार को तीन भागों में बाँटा जा सकता है – उत्तर का पर्वतीय क्षेत्र, मध्य का विशाल मैदान व दक्षिण का पहाड़ी किनारा। उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र सोमेश्वर पर्वत श्रेणी का हिस्सा है। मध्य भाग मैदानी है, जिसमें बांगर क्षेत्र, खादर क्षेत्र व तराई क्षेत्र शामिल है। दक्षिणी भाग में कई पहाड़ियां है, जो झारखंड से भी संलग्न है।
बिहार की जलवायु
बात करे, इस राज्य की जलवायु की, तो वो उष्ण–मानसूनी है। यहां की जलवायु, मिश्रित जलवायु है। ये तटीय क्षेत्रों की तरह आर्द्र भी नही है और न ही पश्चिमी राज्यों की तरह शुष्क ही है, बल्कि दोनों के बीच की जलवायु है। इस राज्य की जलवायु में प्रादेशिक अंतर भी है।
बिहार का मौसम
ग्रीष्म ऋतु में राज्य का औसत तापमान 35-45 डिग्री सेल्सियस तथा सर्दी में 5-15 डिग्री सेल्सियस रहता है। सर्दी का मौसम नवंबर माह से मध्य फरवरी तक रहता है। ग्रीष्म ऋतु अप्रैल से जुलाई के मध्य तक रहती है। जुलाई-अगस्त से अक्टूबर के महीने तक वर्षा ऋतु रहती है।
बिहार की मिट्टी
इस राज्य की अधिकांश मिट्टी जलोड़ मृदा है, जो कि बहुत उपजाऊ है। इसका मुख्य कारण यहाँ बहने वाली नदियों की बहुलता है। धान इस राज्य की प्रमुख फसल है, इसके अलावा यहां गेंहू, दलहन, तिलहन व कुछ फलों की खेती की जाती है।
बिहार की नदियाँ
बिहार राज्य में कई नदियाँ बहती हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:-
- गंगा
- कोसी
- सोन
- गण्डक
- घाघरा
- पुनपुन
- फल्गु
- कर्मनाशा
कोसी नदी को बिहार का शोक भी कहा जाता है, क्योंकि हर वर्ष इसमें बाढ़ आने से कई लोग बेघर हो जाते हैं। कोसी नदी के विषय में लेखक फणीश्वर नाथ रेणु ने भी अपनी एक रचना ‘इस जल प्रलय में‘ में जिक्र किया है। बिहार की सभी छोटी–बड़ी नदियाँ अंततः गंगा नदी में मिल जाती है।
नालंदा विश्वविद्यालय
वर्तमान समय में नालंदा भारत व बिहार के एक प्रमुख दर्शनीय स्थल के रूप में स्थित है। ये विश्व का पहला आवासीय परिसर वाला विश्वविद्यालय था। इसकी स्थापत्य कला अद्भुत व विस्मयकारी थी। इसका निर्माण 450 ईसवी में गुप्त शासन काल के दौरान कुमारगुप्त प्रथम ने करवाया था।
जब 1193 में बख्तियार खिलजी ने मगध पर आक्रमण किया, इस विश्वविद्यालय को बहुत क्षति पहुंचायी गयी। इसमें आग लगा दी गयी। कहा जाता है, कि इसमें इतनी पुस्तकें थीं, कि कई दिनों तक आग जलती रही।
आज ये विश्वविद्यालय खँडहर के रूप में मौजूद है तथा इसके अवशेष लोगों को अपनी भव्यता व आपबीती की कहानियाँ बयाँ करते हैं।
बिहार में घूमने की जगहे
बिहार राज्य में कई घूमने लायक जगहे है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित है:-
- महाबोधि मन्दिर, गया
ये मन्दिर महात्मा बुद्ध से संबंधित है। माना जाता है, कि इसी स्थान पर बुद्ध ने पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर तपस्या की थी। यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
- शेरशाह सूरी का मकबरा, सासाराम
ये इतिहास के महत्वपूर्ण शासक शेरशाह सूरी का मकबरा है। उनका जन्म सासाराम में ही हुआ था। उन्होनें हुमाँयू समेत कई राजाओं को हराया था। वर्तमान में उनका ये मकबरा एक पर्यटक स्थल के रूप में है।
अन्य कुछ स्थान:-
- नौलखा पैलेस
- पादरी की हवेली
- राजगीर
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