बागेश्वर धाम छतरपुर

बागेश्वर धाम, छतरपुर – सम्पूर्ण जानकारी (Bageshwar Dham)

बागेश्वर धाम हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह स्थान भगवान हनुमान को समर्पित है एवं स्वयंभू हनुमान जी की दिव्यता के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। बागेश्वर धाम को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाना जाता है।

Bageshwar Dham कई तपस्वियों की दिव्य भूमि रहा है। कहा जाता है कि बालाजी महाराज के दर्शन मात्र से ही लोग उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर लेते है। यहां हर मंगलवार और शनिवार लाखों की संख्या में लोग बालाजी के दर्शन करने आते है।

चंदेल कालीन का यह सिद्धपीठ बागेश्वर बालाजी महाराज के लिए भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस धाम की महिमा लगभग 300 वर्ष पुरानी मानी जाती है।

बागेश्वर धाम कहाँ है?

बागेश्वर धाम, मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के पास एक छोटे से गाँव गढ़ा में स्थित है, बागेश्वर धाम में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है, मंगलवार और शनिवार को अधिकतम संख्या में भक्त आते है।

Bageshwar Dham में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना बालाजी सरकार पूरी करते है।

बागेश्वर धाम का रहस्य (Bageshwar Dham ka rahasya)

Bageshwar Dham के कथाकार एवं बागेश्वर महाराज के नाम से प्रसिद्धि पाने वाले धीरेंद्र शास्त्री लोगों के मन को पढ़ने का दावा करते है। लोगों का मानना ​​है कि Bageshwar Dham के दिव्य दरबार में एक बार अर्जी लगाने के बाद किस्मत बदल जाती है। महाराज लोगों की समस्याओं को बिना बताए पहले ही जान लेते है और फिर उनके मन की बात कहते हुए समस्या का समाधान कागज पर लिख देते है कि जल्द ही आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा। Bageshwar Dham का दावा है कि उनके पास लोगों के विचारों को जानने की ताकत है।

उनका कहना है कि उनका कनेक्शन सीधा बालाजी महाराज से है, उन्हें वहीं से संकेत मिलता है। इस संकेत से ही लोगों की समस्याओं का पता चलता है। बागेश्वर महाराज की इन्हीं शक्तियों के कारण Bageshwar Dham पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो गया है।

बागेश्वर धाम क्यों प्रसिद्ध है ?

Bageshwar Dham की लोकप्रियता का मुख्य कारण है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर, भक्तों के मन की बात बिना बताये जान जाते है। कहा जाता है कि श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Bageshwar Dham Sarkar) पर बालाजी सरकार की कृपा है, जिससे वह लोगों के मन की बात जान सके। Bageshwar Dham में करीब 300 साल से मानव कल्याण और जनसेवा की परंपरा चली आ रही है। अब इस परंपरा को बालाजी महाराज की कृपा से, श्री दादा गुरुजी के उत्तराधिकारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसे पूरा विश्व बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधित करता है।

बागेश्वर धाम में अर्ज़ी कैसे लगाए ?

बागेश्वर धाम में हर मंगलवार को आवेदन किया जाता है और आवेदन करने के लिए लोगों को सबसे पहले लाल रंग के कपड़े पहनने होते है। जब भक्त Bageshwar Dham में आते है तो धाम के परिसर में लाल कपड़े में एक नारियल रखना होता है। कपड़ों का रंग लाल, पीला और काला हो सकता है। यह भक्त की समस्या पर निर्भर करता है। अगर आवेदन सामान्य है तो नारियल को लाल कपड़े में बांधें, अगर आवेदन विवाह से संबंधित है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधें और अगर आवेदन का संबंध भूत-प्रेतों से है तो नारियल को काले कपड़े में बांध दें।

Bageshwar Dham के नाम की 21 परिक्रमा भी करनी होती है।

बागेश्वर धाम के गुरु कौन है ?

धीरेंद्र कृष्ण अपने दादा भगवानदास गर्ग जैसे सिद्ध संत की छत्रछाया में बड़े हुए और उन्हें अपना गुरु बनाया। धीरेंद्र कृष्ण का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ, जिस वजह से बचपन से ही उनके घर में पूजा पाठ और भक्ति का माहौल था, जिसका असर बालक धीरेंद्र के मन मस्तिष्क पर पड़ा। उनके दादा Bageshwar Dham से गहरा संबंध रखते है, वे हनुमान मंदिर में लगने वाले दरबार का नेतृत्व करते थे, जो निर्मोही अखाड़े के पास स्थित था।

अपने दादा जी से प्रेरणा लेकर धीरेंद्र कृष्ण ने भी दिव्य दरबार का हिस्सा बनना प्रारंभ कर दिया। उस दिव्य दरबार के कारण धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भक्तों के मध्य बागेश्वर धाम सरकार के रूप में प्रसिद्ध हो गए और लोग उनके कथा वाचन को काफी पसंद करने लगे। कई बार बागेश्वर महाराज जी ने यह बात कही है कि उन्हें उनके दादा भगवान दास गर्ग के आशीर्वाद के कारण ये सिद्धि और शक्तियां प्राप्त हुई है।

पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कौन है ?

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाने जाते है। वे एक भारतीय महाकाव्य कथावाचक और एक लोकप्रिय हिंदू आध्यात्मिक नेता है। वे भारत के मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल, जिसे बागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता हैं, के पीठाधीश्वर है।

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्म छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में 4 जुलाई 1996 को जन्म हुआ था। वह सरोज गर्ग (मां) और राम कृपाल गर्ग (पिता) के दो बच्चों में सबसे बड़े थे। एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले शास्त्री ने अपने जीवन के शुरुआती चरण में अत्यधिक गरीबी का सामना किया, वे बचपन में आस-पास के गांवों में रामचरितमानस और सत्यनारायण कथा सुनाकर अपनी आजीविका चलाते थे। उन्हें शुरू से ही धार्मिक कार्य करने का बहुत शौक था, इसीलिए वे बचपन में ही Bageshwar Dham में शामिल हो गए।

बागेश्वर धाम कैसे पहुंचे ?

बस द्वारा

बस द्वारा Bageshwar Dham पहुंचने के लिए सबसे पहले बस से छतरपुर, पन्ना जैसे शहर पहुंचना होता हैं, उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 39 (NH 39) पर पन्ना छतरपुर मार्ग से गंज नामक स्थान पर पहुंचा जा सकता है। वहां से 5 किमी की दूरी पर Bageshwar Dham स्थित है, जहां टैक्सी की मदद से पहुंच सकते है।

ट्रेन मार्ग

Bageshwar Dham का निकटतम रेलवे स्टेशन छतरपुर रेलवे स्टेशन और खजुराहो रेलवे स्टेशन है, यहां से बस, कार, टैक्सी के माध्यम से बागेश्वर धाम पहुँच सकते है।

हवाई मार्ग

Bageshwar Dham के पास स्थित निकटतम हवाईअड्डा खजुराहो हवाईअड्डा है। खजुराहो एयरपोर्ट से बमीठा और गंज होते हुए बस या कार से Bageshwar Dham सरकार पहुँच सकते है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ)

बागेश्वर धाम किस राज्य में स्थित है?

Bageshwar Dham मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है।

बागेश्वर धाम किस जिले में स्थित है?

बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित एक सिद्ध स्थान है।

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